"कपिलदेव": अवतरणों में अंतर

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== क्रिकेट ==
 
उन्होंने अपने क्रिकेट करीयर की शुरुआत १९७५ में हरयाना की ओर से पञाबपंजाब के विरुधविरुद्ध घरेलू क्रिकेट से करी। वे एक ओल राउन्डर थे जोकि दायेदायें हाथ से बल्लेबाज़ी एवएवं तेज़ गेन्दबाज़ी भी करते थे। उनका अन्तर-राष्ट्रीय व्यवसाय पाकिस्तान के विरुध फैस्लाबाद में १६ अक्टूबर १९७८ को हुआ। हालान्कि यह दौरा उनके लिये कुछ अच्छा न रहा, परन्तु आने वाले समय में उन्होंने अपने उन्दा प्रदर्शन से भार्तीयभारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह सुनिशचित कर ली। श्री-लन्कालंका के विरुध १९८२-८३ में उन्होंने अपनी कप्तानी में प्रथम प्रवेश किया। जब उन्हे विश्व कप की कप्तानी का अवसर मिला तो वे एक औसत खिलाडी ही थे, परन्तु अपने आश्चर्या-जनक प्रदर्श्न से तथा अपनी टीम के सहयोग से भारत को पेह्ला विश्व कप जिताया और रातो-रात ही भार्तीय इतिहास का चमकता सितारा बन गये। मोहम्मग अज़हरुद्दीन की कप्तानी में उन्होंने १९९२ के विश्व कप में अपना आखरी अन्तर-राष्ट्रिया खेल खेला। उन्होंने अपने क्रिकेट व्यवसाय में एक दिवसीय क्रिकेट में २२५ और टेस्ट क्रिकेट में १३१ मैच खेले। एक दिवसीय क्रिकेट में उन्होंने 23.79 की औसत से ३७८३ रन बनाये तथा टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 31.05 की औसत से ५२४८ रन बनाये। गेन्दबाज़ी करते हुए उन्होंने एक दिवसीय तथा टेस्ट क्रिकेट में २५३ तथा ४३४ विकेट लिये क्रमश:। १९८३ के विश्व कप में ज़िमबाब्वे के विरुधविरुद्ध उनकी १७५ रन की पारी यादगार रहेगी जिस्की बदौलत भारत वह मैच जीता। उन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में १ और टेस्ट क्रिकेत में ८ शतक लगायी है।
 
== सेवानिवृत्ति के पशचात ==