"हर्षवर्धन": अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Content deleted Content added
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो 2409:4052:D95:AB15:C8C1:F2B5:E891:1529 (Talk) के संपादनों को हटाकर 2409:4043:29A:4B07:565E:692E:29BA:E86E के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
→हर्षवर्धन: छोटा सा सुधार किया। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 18:
[[चित्र:Harshabysumchung.jpg|right|thumb|300px|हर्षवर्धन का साम्राज्य]]
[[चित्र:Palace ruins 2.JPG|right|thumb|300px|हर्ष का टीला]]
'''हर्षवर्धन''' (590-647 ई.) [[प्राचीन भारत]] में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में अपना एक सुदृढ़ साम्राज्य स्थापित किया था। वह अंतिम हिंदू सम्राट् था जिसने राजपूताना [
मुख्यतः हर्षवर्धन के वंश को लेकर एक विवाद रहता है किन्तु यह विवाद का विषय है ही नहीं । क्योंकि ह्वेनसांग ने हर्षवर्धन की जाति वैश्य लिखी है जबकि बाणभट्ट ने उन्हें बैस सूर्यवंशी क्षत्रिय कहा है ह्वेनसांग विदेशी थे उन्हें 'बै' को 'वै' कहा इसलिए उन्होंने वैशाली को वैश्याली भी कहा है तथा कई स्थानों पर ह्वेनसांग ने वैश्या भी कहा है
अतः ह्वेनसांग के इस शब्द चूक के कारण हर्षवर्धन को वैश्य बताया गया।{{उद्धरण आवश्यक}}
|