"जैन ध्वज": अवतरणों में अंतर

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* पीला - [[आचार्य]] का प्रतिक रंग है ! जैन काल मान के हिसाब से जब केवलज्ञान होना (भरतक्षेत्र और ऐरावतक्षेत्र के हिसाब से) बंद हो जाता है तब संघ का दायित्व आचार्य का होता है ! जैन दर्शन में इस समय आचार्य ही वर्त्तमानिक सर्वोपरि पद है जिसकी आज्ञा में सारा संघ रहता है !
* हरा - उपाध्ययों के लिए, जो शास्त्रों का सम्पूर्ण ज्ञान रखते हैं।
* कालानीला - साधुओं के लिए, यह [[अपरिग्रह]] का भी प्रतीक है।
 
== प्रतीक ==