"युग वर्णन": अवतरणों में अंतर
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*पाप - १०
*[[पुण्य]] - १०
*[[अवतार]] – [[कृष्ण]], (देवकी के गर्भ से एंव नंद के घर पालन-पोषण)
*कारण – कंसादि दुष्टो का संहार एंव गोपों की भलाई, दैत्यो को मोहित करने के लिए।
*[[मुद्रा (भाव भंगिमा)|मुद्रा]] – [[चाँदी]]
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