"अम्बा विलास महल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Mysore Palace Front view.jpg|thumb|350px|<center>मैसूर महल</center>]]
[[चित्र:Mysorepalace.jpg|thumb|350px|<center>रात्रि उज्ज्वलन में महल</center>]]
[[चित्र:Mysore-Palace-different-lightings.png|thumb|350px|<center>्भिन्न भिन्न प्रकारों की रात्रि उज्ज्वलन</center>]]'''महाराजा पैलेस''', राजमहल [[मैसूर]] के [[कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ]] का है। यह पैलेस बाद में बनवाया गया। इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था। एक दुर्घटना में इस राजमहल की बहुत क्षति हुई जिसके बाद यह दूसरा महल बनवाया गया। पुराने महल को बाद में ठीक किया गया जहाँ अब संग्रहालय है। दूसरा महल पहले से ज्यादा बड़ा और बहुत घटियाअच्छा है।
मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। नफासत से घिसे सलेटी पत्थरों से बना यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है।
 
महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं। ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं। अब हम मैसूर पैलेस के गोम्बे थोट्टी - गुड़िया घर - से गुजरते हैं। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो नकली सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था। इसे एक तरह से घोड़े की पीठ पर रखी जाने वाली काठी भी माना जा सकता है।
 
== स्थापत्य ==