"कालभैरवाष्टक": अवतरणों में अंतर

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'''कालभैरवाष्टकम्''' (= काल भैरव अष्टक) [[आदि शंकराचार्य]] द्वारा [[संस्कृत भाषा]] में संपादित एक [[अष्टक]] (आठ श्लोकों का समूह) है। इस अष्टक में [[कालभैरव]] के गुणों का वर्णन एवं स्तुति की गयी है।
 
[[कालभैरव]] हिन्दू देवता भगवान [[शिव]] का एक रूप माने जाते है. यह एक उग्र किन्तु न्यायप्रिय देवता है ऐसी मान्यता है. इन का निवास हिंदू तीर्थ [[काशी]] नगरी के तट पर है. [[आदि शंकराचार्य]] ने भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के हेतु से नौ श्लोकों के एक स्तोत्र की रचना की. जिसमें से आठ श्लोक कालभैरव की महिमा तथा स्तुति करने वाले हैं और नौंवा श्लोक फलश्रुति है. इसीकारण नौ श्लोक होते हुए भी इसे कलभैरवाष्टक कहा जाता है.<ref>{{cite web|URL=https://www.artofliving.org/mahashivratri/kaal-bhairav-ashtkam|title=Kalabhairava Ashtakam - Symbolisms of Kalabhairava Ashtakam|language=इंग्लिश|accessdate=6 March 2021}}</ref><ref>{{cite web|URL=https://www.livehindustan.com/news//article1-story-147683.html|title=काल भैरव क्रूर नहीं, बड़े दयालु-कृपालु |language=हिंदी|accessdate=6 March 2021}}</ref>
 
==स्तोत्रम्==