"ऊष्मा": अवतरणों में अंतर

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===तापीय प्रसरण===
तापवृद्धि होने पर प्राय: सब वस्तुओं के आकार में वृद्धि होती है जिसको '''तापीय प्रसरण''' (थर्मलTharmal एक्सपैंसनExpension) कहते हैं। यदि शून्य ताप पर आयतन V<sub>0</sub> हो तो '''t°''' पर सन्निकटतः (approximate) आयतन निकालने के लिए निम्नलिखित सूत्र लागू होता है:
 
: V<sub>t</sub> = V<sub>0</sub> (1 + b t)
 
'''b''' को प्रसरण गुणांक कहते हैं। ताप में अधिक वृद्धि होने पर इस सूत्र में t के उच्च घात (पावरPower) भी आते हैं। ठोसों में पूर्वोक्त प्रकार का सूत्र लंबाई के प्रसरण के लिए भी होता है जिसके गुणांक को '''a''' से व्यक्त करते हैं और रेखीय प्रसरण गुणांक कहते हैं। यह '''b''' का १/३ होता है।
 
गैसों और द्रवों का प्रसरण गुणांक बहुत बड़ा होता है, अत: उसका मापन अपेक्षाकृत सरल है। गैसों में दाब और आयतन दोनों का प्रसरण होता है। यदि दाब स्थिर हो तो पूर्वोक्त सूत्र आयतन पर पूर्ण रूप से लागू होता है। आयतन स्थिर होने पर इसी सूत्र में V के स्थान पर P लिखकर दाब का सूत्र बन जाता है। '''b''' दोनों सूत्रों में एक ही है और इसका मान सब आदर्श गैसों में १/२७३ के लगभग होता है। सब गैसें क्रांतिक ताप से बहुत ऊँचे ताप पर आदर्श गैसें होती हैं, किंतु यदि इनका क्वथंनाक निकट न हो और दाब अधिक न हो तो सामान्यत: आक्सिजन, नाइट्रोजन हाइड्रोजन ओर हीलियम को आदर्श गैसें कहते हैं। सब आदर्श गैसों पर निम्नलिखित सूत्र लागू होता है :
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: P V = R T
 
जिसमें P दाब (pressure)और V आयतन (Velosity)है। T परम ताप (Temperature)'है जिसकी मात्रा सेंटीग्रेड ताप में २७३ जोड़ने पर प्राप्त होती है। R को [[सार्वत्रिक गैस नियतांक]] कहते हैं। एक ग्राम-अणु (ग्राम-मॉलिक्यूल) गैस के लिए इसकी मात्रा लगभग २ कैलरी अथवा ८.३ जूल होती है।
 
ठोसों का प्रसरण गुणांक बहुत कम होता है, अतः इसके मापन मे विशेष विधियाँ प्रयुक्त होती हैं। माणिभ (क्रिस्टल) बहुत छोटे होते हैं, अत: उनके प्रसरण का मापन और भी दुष्कर होता है। एक उदाहरण में क्रिस्टल पट्टिका और सिलिका की पट्टिका के बीच में प्रकाशीय व्यतिकरण धारियाँ (ऑप्टिकल इंटरफ़ियरेन्स फ्रंजेज़) उत्पन्न की जाती हैं। तापवृद्धि से धारियाँ स्थानांतरित हो जाती हैं जिसके मापन से गुणांक निकाला जा सकता है। उच्च सम्मिति (सिमेट्री) के क्रिस्टलों को छोड़कर अन्य क्रिस्टलों के प्रसरणगुणांक दिशा के अनुसार भिन्न होते हैं। ठोसों के संबंध में ग्रीनाइज़न का यह नियम है कि ''प्रत्येक धातु का प्रसरण गुणांक उसकी स्थिर दाबवाली विशिष्ट उष्मा का समानुपाती होता है।''
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ऊष्मा" से प्राप्त