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Sayari book (चर्चा | योगदान) (दिल में जगह ना हो तो किडनी में बसा लो बैठे बैठे खून ही फिल्टर करता रहूंगा) टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब सम्पादन coi-spam |
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== चुटकुलों पर हंसी क्यों आती है ==
मनोवैज्ञानिकों और साहित्य पर अनुसन्धान करने वालों ने इस प्रश्न पर काफी गहराई से अध्ययन किया है के चुटकुलों पर लोग बेबसी से हँसते क्यों हैं। इस विषय को लेकर बहुत से सूक्ष्म प्रश्न सामने आते हैं, जैसे कि ऐसा क्यों है के एक ही चुटकुला जब एक आदमी सुनाये तो लोग हँसते हैं लेकिन दूसरा सुनाये तो नहीं हँसते? यह माना जाता है के कई चुटकुलों में तनाव के उतार-चढ़ाव का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। जैसे कि एक चुटकुला है कि -
:'''दिल में जगह ना हो तो किडनी में बसा लो बैठे बैठे खून ही फिल्टर करता [https://sayaribookhindi.blogspot.com/2021/03/funny-shayari.html रहूंगा]'''
:फनी [https://sayaribookhindi.blogspot.com/2021/03/funny-shayari.html शायरी]
:"दो पागल पागलख़ाने से फ़रार हो गए। पुलिस उन्हें ढूँढती-ढूँढती थक गयी, तब कहीं जा कर उनमे से एक हाथ आया।
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