"शान्तिवाद": अवतरणों में अंतर

NCERT 11th class राजनीतिक सिद्धांत (शांति) पृष्ठ संख्या 135.
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2409:4050:2D99:4990:0:0:904A:E90B (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 2:
[[File:World-Day-of-Prayer-for-Peace Assisi 2011.jpg|400px|thumb|]]
'''शांतिवाद''' (Pacifism) वह दर्शन है जो [[युद्ध]] एवं [[हिंसा]] का विरोध करती है। भारतीय धर्मों ([[हिन्दू]], [[बौद्ध धर्म]], [[जैन धर्म]]) में '[[अहिंसा]]' का जो दर्शन है वही शान्तिवाद है। आधुनिक युग में फ्रांस के एमाइल अर्नाद (Émile Arnaud (1864–1921)) ने १९०१ में सबसे पहले यह शब्द उछाला था।
 
शांतिवाद विवादों को सुलझाने के औजार के बतौर युद्ध या हिंसा के बजाय शांति का उपदेश देता है। इसमें विचारो की अनेक छवियाँ शामिल हैं। इसके दायरे में कूटनीति को अंतर्राष्ट्रीय विवादों का समाधान करने में शातिवाद विवादों को सुलझाने के औजार के बतौर युद्ध या हिंसा के बजाय शांति का उपदेश देता है। इसमें प्राथमिकता देने से लेकर किसी भी हालत में हिंसा और ताकत के इस्तेमाल के पूर्ण निषेध तक आते हैं। शातिवाद सिद्धांतों पर भी आधारित हो सकता है और व्यवहारिकता पर भी । सैद्धांतिक शातिवाद का जन्म इस विश्वास से होता है कि युद्ध , सुविचारित घातक हथियार , हिसा या किसी प्रकार की जोर - ज़बरदस्ती नैतिक रूप से गलत है। व्यावहारिक शांतिवाद ऐसे किसी चरम सिद्धात का अनुसरण नहीं करता है। यह मानता है कि विवादों के समाधान में युद्ध से बेहतर तरीके भी हैं या फिर यह समझता है कि युद्ध पर लागत ज्यादा आती है . फायदे कम होते हैं । युद्ध से बचने के पक्षधर लोगों के लिए ' श्वेत कपोत ' जैसे अनौपचारिक शब्दों का प्रयोग होता है । शब्द सुलह - समझौते के पक्षधरों की सौम्य प्रकृति की ओर इशारा करते हैं। कुछ लोग सुलह - समझौते के पक्षधरों को शांतिवादी के दर्जे में नहीं रखते . क्योंकि वे कतिपय परिस्थितियों में युद्ध को औचित्यपूर्ण मान सकते हैं। ' बाज ' या युद्ध - पिपासु लोग कपोत प्रकृति के विपरीत होते हैं। युद्ध का विरोध करने वाले कुछ शांतिवादी सभी प्रकार की जोर - जबरदस्ती मसलन शारीरिक बल प्रयोग या संपत्ति की बर्बादी के विरोधी नहीं होते। उदाहरणस्वरूप , असैन्यवादी आम तौर पर हिसा के बजाए आधुनिक राष्ट्र - राज्यों को सैनिक संस्थाओं के विशेष रूप से विरोधी होते हैं । अन्य शांतिवादी अहिसा के सिद्धांतों का अनुसरण करते हैं , क्योंकि वे सिर्फ अहिंसक कार्रवाई के स्वीकार्य होने का विश्वास करते है ।
 
==इन्हें भी देखें==