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'''लखीसराय''' (Lakhisarai) [[भारत]] के [[बिहार]] राज्य के [[लखीसराय ज़िले]] में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=dSZ987-0Fb8C Bihar Tourism: Retrospect and Prospect]," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=MMmNVZ4mP98C Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar]," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810</ref>
== विवरण ==
== शिक्षा ==
▲|native_name = लखीसराय
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▲क्षेत्रीय भाषा मगही एवं मैथिली बोली जाती है|cationEduशिक्षा=|शिक्षा=लखीसराय प्राचीन काल से ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है क्योंकि लखीसराय पाल वंश की राजधानी रही है एवं बहुत बहुत बोध साधुओं संतो का अध्ययन केंद्र रहा है लखीसराय वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे है लखीसराय जिले में कई सारे कॉलेज कॉलेज एवं स्कूल स्थित है जो दोनों है निजी और सरकारी निजी क्षेत्रीय भाषा मगही एवं मैथिली बोली जाती है|cationEduशिक्षा=|शिक्षा=लखीसराय प्राचीन काल से ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है क्योंकि लखीसराय पाल वंश की राजधानी रही है एवं बहुत बहुत बोध साधुओं संतो का अध्ययन केंद्र रहा है लखीसराय वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे है लखीसराय जिले में कई सारे कॉलेज कॉलेज एवं स्कूल स्थित है जो दोनों है निजी और सरकारी निजी तौर पर
== इतिहास ==
== प्रमुख पर्यटन स्थल ==
=== अशोकधाम ===
=== जलप्पा स्थान ===
यह स्थान आसपास के क्षेत्रों के अलावा दूर-दराज के इलाकों में भी काफी प्रसिद्ध है। यह धार्मिक स्थान पहाड़ियों पर स्थित है। जलप्पा स्थान मुख्य रूप से गौ पुजा के लिए जाना जाता है। यहां खासकर हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। यहां जाने के लिए लखीसराय से चानन क्षेत्र होते हुए जीप, टैक्सी अथवा तांगे से जया जा सकता है। पैदल तीर्थयात्री मानो गांव होते हुए लगभग दो घंटे पैदल चलने के बाद जलप्पा स्थान पहुंचा जा सकता है। साल के प्रारंभ में यहां भारी संख्या में सैलानी आते हैं।
▲'''माँ दुर्गा मंदिर तेतरहाट''' [[लखीसराय]] टाउन, तेतरहाट थाना क्षेत्र के तेतरहाट गाँव में स्थित है।यह किउल नदी के किनारे है। लखीसराय जंक्शन से सड़क मार्ग की दूरी 11 km दक्षिण में है जो लखीसराय-जमुई( SH18)के किनारे में स्थित है।यहाँ जाने के लिए लखीसराय स्टेशन के पास से ऑटो मिलता है।दशहरे यहाँ बड़ा देखने लायक होता है ,यहाँ दूर्गा पूजा में बहुत बड़ा मेला लगता है यहाँ लगभग 22 गाँव से भी ज्यादा के लोग मेला देखने आते है।और इतना ही नहीं श्रावण माह में देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं का यह तांता लगा हुआ रहता है,वो लोग यहाँ पे ठहरते है उन लोगो के लिए यह ठहराने की ब्यबस्था की जाती है। इस मंदिर के पुजारी सुदामा पाण्डेय जी है जो सुबह शाम माँ दुर्गे की आरती करते है और आये हुए श्रद्धालु की देख रेख करते है। हरेक दशहरा में इस मंदिर में पंडित जी की मदद करने गाँव के कुछ लड़के हमेशा तत्पर रहते हैं उनमे सन्नी कुमार अर्णव ,रवि शंकर ,रंजन कुमार, शिवम् कुमार(polytechnic) । .. इत्यादि बहुत सारे लड़के रहते हैं। जो मंदिर प्रांगण की देख रेख भी '''माँ दुर्गा मंदिर तेतरहाट''' [[लखीसराय]] टाउन, तेतरहाट थाना क्षेत्र के तेतरहाट गाँव में स्थित है।यह किउल नदी के किनारे है। लखीसराय जंक्शन से सड़क मार्ग की दूरी 11 km दक्षिण में है जो लखीसराय-जमुई( SH18)के किनारे में स्थित है।यहाँ जाने के लिए लखीसराय स्टेशन के पास से ऑटो मिलता है।दशहरे यहाँ बड़ा देखने लायक होता है ,यहाँ दूर्गा पूजा में बहुत बड़ा मेला लगता है यहाँ लगभग 22 गाँव से भी ज्यादा के लोग मेला देखने आते है।और इतना ही नहीं श्रावण माह में देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं का यह तांता लगा हुआ रहता है,वो लोग यहाँ पे ठहरते है उन लोगो के लिए यह ठहराने की ब्यबस्था की जाती है। इस मंदिर के पुजारी सुदामा पाण्डेय जी है जो सुबह शाम माँ दुर्गे की आरती करते है और आये हुए श्रद्धालु की देख रेख करते है। हरेक दशहरा में इस मंदिर में पंडित जी की मदद करने गाँव के कुछ लड़के हमेशा तत्पर रहते हैं उनमे सन्नी कुमार अर्णव ,रवि शंकर ,रंजन कुमार, शिवम् कुमार(polytechnic) । .. इत्यादि बहुत सारे लड़के रहते हैं। जो मंदिर प्रांगण की देख रेख भी करते हैं।
=== माँ दुर्गा स्थान ===
=== गोबिंद बाबा स्थान ===
गोबिंद बाबा का स्थान इस पूर क्षेत्र में पूजनीय है। यह मंदिर मानो-रामपुर गांव में स्थित है। धार्मिक रूप से इस स्थान का काफी महत्व है। इस मंदिर की मुख्य विशेषता यहां का पूजा है जिसको ढ़ाक के नाम से जाना जाता है।
खड़गपुर की पहाड़ियों पर स्थित यह तीर्थस्थल लखीसराय का श्रृंगार है। यह स्थान जिले के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसका नाम प्रसिद्ध ऋषि शृंगी के नाम पर रखा गया है। किंवदंतियों के अनुसार राजा दशरथ ने अपने चारों पुत्र राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न का चूड़ाकर्म संस्कार (मुण्डन) यहीं पर किये थे।नूतन वर्ष, श्रावण मास में और विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ यहाँ जुटती है। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा यह अलौकिक स्थान सैलानियों के मन को मोह लेता है ।सबसे विशेष यहां आनेवाले पर्यटकों के लिए पहाड़ों से निकलती स्वच्छ व निर्मल जल जो जलकुण्ड में आकर गिरती है जिसमें घंटों तक लोग स्नान कर आनन्दित होते हैं।
यहाँ जाने के लिए लोग किऊल रेलवे जंक्शन से उतरकर जीप से सहूर गाँव के रास्ते ज्वलप्पा स्थान होकर जा सकते है ।
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=== अभयनाथ स्थान ===
अभयनाथ स्थान, अभयपुर गाँव के दक्षिण में पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यह पवित्र स्थान आसपास के इलाके में काफी प्रसिद्ध है। आप इस मंदिर को मसुदन स्टेशन से देख सकते हैं। अभयपुर ग्राम निवासियों का मानना है कि "बाबा अभयनाथ" के नाम पर ही गाँव का नाम "अभयपुर" पड़ा। यहाँ हर सप्ताह के मंगलवार को काफी श्रद्धालु पूजा-पाठ करने आते हैं। यहाँ हर साल आषाढ़ के पूर्णिमा को भव्य पूजा-अर्चना होती है। यहाँ जाने के लिए आपको मसुदन स्टेशन से पैदल लगभग एक किलोमीटर पहाड़ का रास्ता करना पड़ेगा।
उसके बाद पहाड़ की चढ़ाई का आनंद लेते हुए आप यहाँ पहुँच सकते हैं।
लखीसराय के बढ़िया स्थित मां बाला त्रिपुर सुंदरी का मंदिर स्थित है यहां पर श्रद्धालुओं की सारी मनोकामना पूरी होती है यह मंदिर शक्तिपीठों में की जाती है गंगा तट पर बसे इस मंदिर पूजा अर्चना करने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं
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;सड़क मार्ग
यह जिला राष्ट्रीय राजमार्ग 80 पर स्थित है जो राजधानी पटना से जुड़ा हुआ है। यहां आने के लिए निजी या सार्वजनिक वाहनों का उपयोग किया जा सकता है।
▲== लखीसराय के लोग==
== धार्मिक ==
लखीसराय जिले में स्थित सुर्यगढ़ा प्रखंड के जगदीशपुर गांव में स्थित "शिव दुर्गा महावीर मंदिर सुर्यगढ़ा" प्रसिद्ध है। यहां भव्य दुर्गा पुजा का आयोजन होता है जहां पर दुर-दुर से लोग देखने आते हैं। लखीसराय का अशोक धाम मंदिर जहां भगवान भोलेनाथ का अति प्राचीन शिवलिंगी है यहां विशेषकर सावन मास में श्रद्धालुओं की लाखों लाख की भीड़ लखीसराय का अशोक धाम मंदिर जहां भगवान भोलेनाथ का अति प्राचीन शिवलिंगी है यहां विशेषकर सावन मास में श्रद्धालुओं की लाखों लाख की भीड़ रहती है। लखीसराय के लाल पहाड़ी पर बौद्ध धर्म के कई अति प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए हैं जिसे बौद्ध सर्किट से जोड़ा जा रहा है।
== इन्हें भी देखें ==
* [[लखीसराय ज़िला]]
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{बिहार
[[श्रेणी:लखीसराय जिला]]
[[श्रेणी:बिहार के शहर]]
[[श्रेणी:लखीसराय
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