माँ दुर्गा मंदिर तेतरहाट गाँव में स्थित है। यह किउल नदी के किनारे है। लखीसराय जंक्शन से सड़क मार्ग की दूरी 11 km दक्षिण में है जो लखीसराय-जमुई( SH18)के किनारे में स्थित है।यहाँ जाने के लिए लखीसराय स्टेशन के पास से ऑटो मिलता है।दशहरे यहाँ बड़ा देखने लायक होता है ,यहाँ दूर्गा पूजा में बहुत बड़ा मेला लगता है यहाँ लगभग 22 गाँव से भी ज्यादा के लोग मेला देखने आते है।और इतना ही नहीं श्रावण माह में देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं का यह तांता लगा हुआ रहता है,वो लोग यहाँ पे ठहरते है उन लोगो के लिए यह ठहराने की ब्यबस्था की जाती है। इस मंदिर के पुजारी सुदामा पाण्डेय जी है जो सुबह शाम माँ दुर्गे की आरती करते है और आये हुए श्रद्धालु की देख रेख करते है। हरेक दशहरा में इस मंदिर में पंडित जी की मदद करने गाँव के कुछ लड़के हमेशा तत्पर रहते हैं उनमे सन्नी कुमार अर्णव ,रवि शंकर ,रंजन कुमार, शिवम् कुमार(polytechnic) । .. इत्यादि बहुत सारे लड़के रहते हैं। जो मंदिर प्रांगण की देख रेख भी '''माँ दुर्गा मंदिर तेतरहाट''' [[लखीसराय]] टाउन, तेतरहाट थाना क्षेत्र के तेतरहाट गाँव में स्थित है।यह किउल नदी के किनारे है। लखीसराय जंक्शन से सड़क मार्ग की दूरी 11 km दक्षिण में है जो लखीसराय-जमुई( SH18)के किनारे में स्थित है।यहाँ जाने के लिए लखीसराय स्टेशन के पास से ऑटो मिलता है।दशहरे यहाँ बड़ा देखने लायक होता है ,यहाँ दूर्गा पूजा में बहुत बड़ा मेला लगता है यहाँ लगभग 22 गाँव से भी ज्यादा के लोग मेला देखने आते है।और इतना ही नहीं श्रावण माह में देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं का यह तांता लगा हुआ रहता है,वो लोग यहाँ पे ठहरते है उन लोगो के लिए यह ठहराने की ब्यबस्था की जाती है। इस मंदिर के पुजारी सुदामा पाण्डेय जी है जो सुबह शाम माँ दुर्गे की आरती करते है और आये हुए श्रद्धालु की देख रेख करते है। हरेक दशहरा में इस मंदिर में पंडित जी की मदद करने गाँव के कुछ लड़के हमेशा तत्पर रहते हैं उनमे सन्नी कुमार अर्णव ,रवि शंकर ,रंजन कुमार, शिवम् कुमार(polytechnic) । .. इत्यादि बहुत सारे लड़के रहते हैं। जो मंदिर प्रांगण की देख रेख भी करते हैं।