"जैवमण्डल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
'''
'''जैवमण्डल''' पृथ्वी के चारों तरफ व्याप्त ३0 किमी मोटी वायु, जल, स्थल, मृदा, तथा शैल युक्त एक जीवनदायी परत होती है, जिसके अंतर्गत पादपों एवं जन्तुओं का जीवन सम्भव होता है।<ref>भौतिक भूगोल का स्वरूप, सविन्द्र सिंह, प्रयाग पुस्तक भवन, इलाहाबाद, २0१२, पृष्ठ-६0९, ISBN: ८१-८६५३९-७४-३</ref> सामान्यतः जैवमण्डल में पृथ्वी के हर उस अंग का समावेश है जहाँ जीवन पनपता है।
|