"प्रवेशद्वार:दर्शनशास्त्र/परिचय": अवतरणों में अंतर
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'''दर्शनशास्त्र''' वह [[ज्ञान]] है जो परम् [[सत्य]] और [[सिद्धांत (थिअरी)|सिद्धांतों]], और उनके कारणों की विवेचना करता है। [[दर्शन]] [[यथार्थ]] की परख के लिये एक [[दृष्टिकोण]] है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय है। वस्तुतः दर्शनशास्त्र स्वत्व, तथा [[समाज]] और मानव चिंतन तथा संज्ञान की प्रक्रिया के सामान्य नियमों का विज्ञान है। दर्शनशास्त्र सामाजिक [[चेतना]] के रूपों में से एक है। दर्शन उस विद्या का नाम है जो सत्य एवं ज्ञान की खोज करता है। व्यापक अर्थ में दर्शन, तर्कपूर्ण, विधिपूर्वक एवं क्रमबद्ध विचार की कला है। इसका जन्म अनुभव एवं परिस्थिति के अनुसार होता है। यही कारण है कि संसार के भिन्न-भिन्न व्यक्तियों ने समय-समय पर अपने-अपने अनुभवों एवं परिस्थितियों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवन-दर्शन को अपनाया
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