"नौरोज़ त्यौहार": अवतरणों में अंतर

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इस रिवाज़ के पूरा होने के बाद,चमकीले कपड़ों में सजे तीन हरकारे पूरे गाँव में सबको उत्सव में शामिलहोने का निमंत्रण देते हैं। कभी-कभी ये कज़ाक परीकथाओं के हीरोज़, अल्डर कोसे,झिरेन्शी और सुन्दर काराशश की तरह भी सजते हैं।
==खान-पान==
उत्सव के भोज के लिए नौरिज़ कोज़े (दही वाला सूप) बनाया जाता है। दोपहरमें एक बैल की बलि दी जाती है और उसके माँस से एक विशेष पकवान बनाया जाता है। इसेबेल-कोटरर (शरीर को सीधा करने वाला) कहा जाता है। इसे बनाने के लिए केवल एक नियम का ध्यान रखना पड़ता है और वो ये कि इसमें पड़ने वालीवस्तुओं की संख्या सात होनी चाहिए। सात का अंक सप्ताह के सात दिनों काप्रतिनिधित्व करता है।
प्रत्येक परिवार में दोपहर को लोग दस्तरखान बिछाकर बैठते हैं। भोजन से पूर्व और पश्चात मुल्ला पूर्वजों को समर्पित प्रार्थनाएँ पढ़ताहै। भोजन के अंत में, सबसे बुजुर्ग व्यक्ति आशीर्वाद देता है। इस दिन अक्साकल (वृद्ध) और आजे (बूढ़ी महिला) के होठों सेआशीर्वाद पाना बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है।
==विभिन्न आयोजन==