"कौरव": अवतरणों में अंतर
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{{स्रोतहीन|date=अप्रैल
मादरचोद रोहित कुछ भी क्यों लिखा हैं
मरना हैं क्या मादरचोद
में कौरव हूँ मुझे पता होगा कि तुझे हमारा इतिहास कुछ भी लिखता हैं माधरचोद
वहीं आकर मारेंगे
और जो मैं लिखता हूँ उसको क्यू मिटाता हैं माधरचोद
और हमारे 36 गोत्र नहीं हैं ये 36 राजपरिवारों कि उपाधियाँ हैं
गोत्र सिर्फ एक हैं कौण्डिल्य
अगर तूने सब नहीं अलग किया तो फोड़ देंगे
कुछ भी गलत जानकारी देता हैं माधरचोद
'''कौरव''' [[महाभारत]] के विशिष्ट पात्र हैं। कौरवों की संख्या 100+1 थी तथा वे सभी सहोदर थे। दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण कुमार की पत्नी गर्भवती थी उसका मायका मथुरा में था सीरीपत जी की पुत्री थी महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद वो अपने मायके चली गयी वहां कुलगुरु कृपाचार्य के वंशज रहते थे उन्होंने उस लड़की की रक्षा की कानावती से पुत्र कानकुंवर हुआ नौ पीढ़ी तक मथुरा में रहने के बाद विजय पाल ने वैशाली मे राज किया जो अब मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ग्वालियर-भिंड-दतिया जबलपुर , विदिशा, भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद , आदि जिलो में रहते हैं। कौरव जाति में कुल 36 गोत्र हैं। इनमें मुख्य रूप से ममार,अतरौलिया,खिचरौलिया,करहैया,तिहैया,अतरसूमा,डींड़े,लटकना, गेगला,पगुआ,गोहल,लुलावत,मरैया,ढिड़कोले,सरेठा,पहारिया,टिकरहा, जरहा,जहुआ इत्यादि शामिल हैं।
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