"गोपबंधु दास": अवतरणों में अंतर
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==जीवनी==
[[चित्र:Kolkata Dharmatal4.jpg|right|thumb|250px|उत्कलमणि की प्रतिमा ([[कोलकाता]] में)]]
गोपबंधु दास का जन्म सन् 1877 ई. में पुरी जिले के सत्यवादी थाना के अंतर्गत "सुआंडो" नामक एक क्षुद्र पल्ली (गाँव) में हुआ था। जून, सन् 1928 ई. में केवल 53 वर्ष की अवस्था में उनका देहांत हुआ। यद्यपि जीविका अर्जन के लिये उन्होंने [[अभिभाषक|वकालत]] की, तथापि शिक्षक के जीवन को वे सदा आदर्श जीवन मानते थे। कुछ दिनों तक उन्होंने शिक्षण कार्य किया भी था। अंग्रेजी शासन में पराधीन रहकर भी उन्होंने स्वाधीन शिक्षापद्धति अपनाई थी। [[बंगाल]] के [[शांतिनिकेतन]] की तरह उड़ीसा के सत्यवादी नामक स्थान में खुले आकाश के नीचे एक वनविद्यालय खोला था, और वहाँ बकुलवन में छात्रों को स्वाधीन ढंग से शिक्षा दिया करते थे। उन्हीं की प्रेरणा से उड़ीसा के विशिष्ट जननेता और कवि स्वर्गीय [[गोदावरीश मिश्र]] और उत्कल विधानसभा के वाचस्पति (प्रमुख) पंडित [[नीलकंठ दास]] ने इस वनविद्यालय में शिक्षक रूप से कार्य किया था।
==साहित्यिक कृतियाँ==
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