"नामवर सिंह": अवतरणों में अंतर

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# '''बक़लम ख़ुद''' - 1951ई॰ (व्यक्तिव्यंजक निबन्धों का यह संग्रह लम्बे समय तक अनुपलब्ध रहने के बाद सन् 2013 ई॰ में भारत यायावर के सम्पादन में राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक '''प्रारम्भिक रचनाएँ''' में नामवर जी की उपलब्ध कविताओं तथा विविध विधाओं की गद्य रचनाओं के साथ संकलित होकर पुनः सुलभ हो गया है।)
# '''हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग''' - 1952 (मूलतः एम॰ ए॰ कक्षा के लिए लघु शोध-प्रबंध के रूप में लिखित; पुनर्लिखित रूप में 1954 ई॰)
मूलतः# ''पृथ्वीराज एम॰रासो ए॰की कक्षाभाषा'' के- 1956 (मूलतः लिएपीएच॰डी॰ लघुहेतु शोध-प्रबंध के रूप में लिखित; पुनर्लिखितसंशोधित रूपसंस्करण में'पृथ्वीराज रासो: भाषा 1954और ई॰साहित्य')
# ''पृथ्वीराज रासो की भाषा'' - 1956
(मूलतः पीएच॰डी॰ हेतु शोध-प्रबंध के रूप में लिखित; संशोधित संस्करण 'पृथ्वीराज रासो: भाषा और साहित्य')
# ''आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ'' - 1954
# ''छायावाद'' - 1955