"श्रुति": अवतरणों में अंतर

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'''श्रुति''' [[हिन्दू धर्म]] के सर्वोच्च और सर्वोपरि धर्मग्रन्थों का समूह है। श्रुति का शाब्दिक अर्थ है ''सुना हुआ'', यानि ईश्वर की वाणी जो प्राचीन काल में ऋषियों द्वारा सुनी गई थी और शिष्यों के द्वारा सुनकर जगत में फैलाई गई थी। इस दिव्य स्रोत के कारण इन्हें धर्म का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत माना है। इनके अलावा अन्य ग्रंथों को [[स्मृति]] माना गया ऋषिहै - जिनका अर्थ है ''मनुष्यों के स्मरण और बुद्धि से बने ग्रंथ'' जो वस्तुतः श्रुति के ही मानवीय विवरण और व्याख्या माने जाते हैं। श्रुति और स्मृति में कोई भी विवाद होने पर श्रुति को ही मान्यता मिलती है, स्मृति को नहीं।
 
 
है - जिनका अर्थ है ''मनुष्यों के स्मरण और बुद्धि से बने ग्रंथ'' जो वस्तुतः श्रुति के ही मानवीय विवरण और व्याख्या माने जाते हैं। श्रुति और स्मृति में कोई भी विवाद होने पर श्रुति को ही मान्यता मिलती है, स्मृति को नहीं।
श्रुति में चार [[वेद]] आते हैं : [[ऋग्वेद]], [[सामवेद]], [[यजुर्वेद]] और [[अथर्ववेद]]। हर वेद के चार भाग होते हैं : [[संहिता]], [[ब्राह्मण-ग्रन्थ]], [[आरण्यक]] और [[उपनिषद्]]। इनके अलावा बाकी सभी हिन्दू धर्मग्रन्थ [[स्मृति]] के अन्तर्गत आते हैं।