"खँजड़ी": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Instrument
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[[चित्र:Khaijadi Bhajan.ogv|thumb|right|300px|नेपाल मैं प्रचलित खैंजडी भजन]]
'''खँजड़ी''' या '''खँजरी''' डफ के ढंग का एक छोटा वाद्य यंत्र जो दो ढाई इंच चौड़े काठ की बनी गोलाकार परिधि के एक ओर चमड़े से मढ़ा होता है। यह आम की लकड़ी की बनी होती है। उसकी दूसरी ओर खुला रहता है। इसे एक हाथ में पकड़कर दूसरे हाथ से थाप देकर बजाया जाता है। कुछ में लोग गोलाकार परिधि में धातु के बने चार-पाँच गोलाकार टुकड़े लगा लेते हैं जो झाँझ की तरह थाप के साथ स्वत: झंकार उठते हैं। इस वाद्य का प्रयोग मुख्यत: गीतनिर्गुणी गाकर भीखभजन माँगनेकरने वाले भिखारीकरते अथवाहै, लोकगीतजैसे गायककामङ, तथाआदिनाथ, साधुबलाई, भजनभील, गानेकालबेलिये के लिए करते हैं।आदि।
 
[[श्रेणी:भारतीय वाद्य यंत्र]]