"क़ुरआन की आलोचना": अवतरणों में अंतर

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: ''इस मजहब में अल्लाह और रसूल के वास्ते संसार को लुटवाना और लूट के माल में खुदा को हिस्सेदार बनाना शबाब का काम है। जो मुसलमान नहीं बनते उन लोगों को मारना और बदले में बहिश्त को पाना आदि पक्षपात की बातें ईश्वर की नहीं हो सकतीं। श्रेष्ठ गैर-मुसलमानों से शत्रुता और दुष्ट मुसलमानों से मित्रता, जन्नत में अनेक औरतों और लौंडे होना आदि निन्दित उपदेश कुएँ में डालने योग्य हैं। इस्लाम से अधिक अशांति फैलाने वाला दुष्ट मत दूसरा और कोई नहीं। इस्लाम मत की मुख्य पुस्तक कुरान पर हमारा यह लेख हठ, दुराग्रह, ईर्ष्या, विवाद और विरोध घटाने के लिए लिखा गया, न कि इसको बढ़ाने के लिए। सब सज्जनों के सामने इसे रखने का उद्देश्य अच्छाई को ग्रहण करना और बुराई को त्यागना है।
 
इतना ही नहीं, दयानन्द को कुरआन की पहली आयत पर ही आपत्ति है। वे कहते हैं कि "कुरआन का प्रारम्भ ही मिथ्या से हुआ है"। दयानंददयानन्द को इस कलमे ( वाक्य ) पर दो आपत्तियां है I प्रथम यह कुरआन के प्रारम्भ में यह कलमा परमात्मा की ओर से प्रेषित ( इल्हाम ) नहीं हुआ है (जैसा कि मोहम्मद ने दावा किया है)I दूसरा यह की मुसलमान लोग कुछ ऐसे कार्यों में भी इसका पाठ करते है जो इस पवित्र वाक्य के गौरव के अधिकार क्षेत्र नहीं IनहींI
 
भारत में कुरान के अन्य आलोचकों में [[वसीम रिजवी]] प्रमुख हैं। मार्च २०२१ में उन्होने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए [[भारत]] के [[सर्वोच्च न्यायालय]] में [[जनहित याचिका]] दाखिल की है। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है। रिजवी ने कहा है कि देशहित मे कोर्ट को इन आयतों को हटाने के आदेश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है। रिजवी का कहना है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर, दूसरे खलीफा हजरत उमर और तीसरे खलीफा हजरत उस्मान ने कुरान की आयतों को इकट्ठा करके उसे किताब की शक्ल में जारी किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि इन तीनों खलीफाओं ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करके इस तरह की आयतों को डाल दिया।<ref>[https://www.indiatv.in/india/national-waseem-rizvi-files-petition-against-26-ayats-of-quran-saying-they-promote-terrorism-777912 वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जनहित याचिका]</ref>
 
== आलोचना ==