"होली": अवतरणों में अंतर
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होली रंगों का त्योहार है, हँसी-खुशी का त्योहार है, लेकिन होली के भी अनेक रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक रंगों के स्थान पर रासायनिक रंगों का प्रचलन, भांग-ठंडाई की जगह नशेबाजी और लोक संगीत की जगह फ़िल्मी गानों का प्रचलन इसके कुछ आधुनिक रूप हैं।<ref name="badlav">{{cite web|url=http://www.bbc.co.uk/hindi/forum/story/2007/03/070301_holi_forum.shtml|title=क्या होली में बदलाव होना चाहिए|access-date=4 मार्च 2008|format=एसएचटीएम|publisher=बीबीसी|language=|archive-url=https://web.archive.org/web/20070306094248/http://www.bbc.co.uk/hindi/forum/story/2007/03/070301_holi_forum.shtml|archive-date=6 मार्च 2007|url-status=live}}</ref> लेकिन इससे होली पर गाए-बजाए जाने वाले ढोल, मंजीरों, फाग, धमार, चैती और ठुमरी की शान में कमी नहीं आती। अनेक लोग ऐसे हैं जो पारंपरिक संगीत की समझ रखते हैं और पर्यावरण के प्रति सचेत हैं। इस प्रकार के लोग और संस्थाएँ चंदन, गुलाबजल, टेसू के फूलों से बना हुआ रंग तथा प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की परंपरा को बनाए हुए हैं, साथ ही इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.kalpavriksh.org/f1/f1.4/GAholi1|title=The Safe Holi campaign|access-date=15 मार्च 2008|format=|publisher=कल्पवृक्ष|language=en|archive-url=https://web.archive.org/web/20070326041336/http://www.kalpavriksh.org/f1/f1.4/GAholi1|archive-date=26 मार्च 2007|url-status=dead}}</ref> रासायनिक रंगों के कुप्रभावों की जानकारी होने के बाद बहुत से लोग स्वयं ही प्राकृतिक रंगों की ओर लौट रहे हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.kenzoamour-indianholi.com/EN/kenzo-amour-indian-holi.html|title=केन्ज़ोआमूर इंडियन होली|access-date=11 मार्च 2008|format=एचटीएमएल|publisher=केन्ज़ोआमूर|language=|archive-url=https://web.archive.org/web/20080320001715/http://www.kenzoamour-indianholi.com/EN/kenzo-amour-indian-holi.html|archive-date=20 मार्च 2008|url-status=dead}}</ref> होली की लोकप्रियता का विकसित होता हुआ अंतर्राष्ट्रीय रूप भी आकार लेने लगा है। बाज़ार में इसकी उपयोगिता का अंदाज़ इस साल होली के अवसर पर एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठान केन्ज़ोआमूर द्वारा जारी किए गए नए इत्र ''होली है'' से लगाया जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://www.hindu.com/mp/2006/03/13/stories/2006031301530100.htm|title=Play safe this Holi|access-date=11 मार्च 2008|format= एचटीएम|publisher=द हिन्दू|language = en}}</ref>
==स्वास्थ चिंताएँ==
प्राचीन काल में लोग चन्दन और गुलाल से ही होली खेलते थे। लेकिन आज गुलाल, प्राकृतिक रंगों के साथ साथ रासायनिक रंगों का प्रचलन बढ़ गया
== साहित्य ==
'''क.'''
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