"यौम-अल-क़यामा": अवतरणों में अंतर

न्याय के दिन की व्याख्या
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
 
उचित लेख पर पुनर्प्रेषित।
टैग: नया अनुप्रेषण
 
पंक्ति 1:
#पुनर्प्रेषित [[यौम अल-क़ियामा]]
यौम अल क़ायमा (न्याय का दिन) ...
दुनिया में हम अच्छे बुरे जैसे भी कर्म करेंगे उनके हिसाब से ही हमे मरने के बाद स्वर्ग और नरक में जाना है लेकिन हमे बताएगा कौन की तुमने अच्छे कर्म किए या बुरे इसलिए जब ये दुनिया खत्म हो जाएगी तब समस्त मानव जाति को बोबारा जन्म दिया जाएगा जिसको आज हमने पुनर्जन्म कहते है आज हम ये सोचते है की पुनर्जन्म हमरा इस भू लोक में दोबारा होगा और ये जन्म मरण का चक्कर चलता रहेगा लेकिन ये गलत है और हास्यास्पद बात है बल्कि न्याय के दिन दोबारा जन्म होगा उसको पुनर्जन्म कहा जाता है
उस दिन हमे सभी कर्मो का हिसाब होगा और उसके हिसाब से फिर हमे स्वर्ग या नरक में जगह मिलेगी