"नदी विसर्प": अवतरणों में अंतर

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{{भूगोल-आधार}}
'''नदी विसर्प''' एक प्रमुख प्रवाही जल (नदी) कृत अपरदनात्मक स्थलरुप हैं। मैदानी क्षेत्रों में नदी की धारा दाएं-बाएं, होते हुए प्रवाहित होती है और विसर्प बनाती है। ये विसर्प अंग्रेजी के 's' आकार की होते हैं। नदियों का ऐसा घूमना अधिक अवसादी बोझ के कारण होता है।इस अवस्था में नदियों की संख्या बहुत कम होती है ये नदियाँ उथली V-आकार की घाटी बनाती हैं जिनमें बाढ़ के मैदान लगभग अनुपस्थित या संकरें बाढ़ मैदान मुख्य नदी के साथ-साथ पाए जाते हैं। जल विभाजक अत्यधिक विस्तृत (चौड़े) व समतल होते हैं, जिनमें दलदल व झीलें होती हैं। इन ऊँचे समतल धरातल पर नदी विसर्प विकसित हो जाते हैं। ये विसर्प अंततः ऊँचे धरातलों में गभीरभूत हो जाते हैं (अर्थात् विसर्प की तली में निम्न कटाव होता है और ये गहराई में बढ़ते हैं)। जहाँ अनावरित कठोर चट्टानें पाई जाती है। वहाँ जलप्रपात व क्षिप्रिकाएँ बन जाते है। <ref>{{वेब सन्दर्भ|title=नदी विसर्प या नदी मोड़|url=http://hindi.indiawaterportal.org/नदी-विसर्प-या-नदी-मोड़-river-meander|accessdate=1 दिसंबर 2015|archive-url=https://web.archive.org/web/20180731123149/http://hindi.indiawaterportal.org/%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AA-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A4%BC-river-meander|archive-date=31 जुलाई 2018|url-status=dead}}</ref><ref>{{पुस्तक सन्दर्भ|title=भूगोल मुख्य परीक्षा|publisher=Tata McGraw-Hill Education|isbn=0070144850|page=121|url=https://books.google.co.in/books?isbn=0070144850|accessdate=1 दिसंबर 2015}}</ref>
 
==सन्दर्भ==