"हुमायूँ": अवतरणों में अंतर

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[[हुमायूँ]] एक [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल]] शासक था। प्रथम [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] सम्राट बाबर के पुत्र नसीरुद्दीन हुमायूँ ([[6 मार्च]] [[१५०८|1508]] – [[27 जनवरी|27 जनवरी]], [[१५५६|1556]]) थे। यद्यपि उन के पास साम्राज्य बहुत साल तक नही रहा, पर मुग़ल साम्राज्य की नींव में हुमायूँ का योगदान है।
 
बाबर की मृत्यु के पश्चात हुमायूँ ने '''29''' '''दिसम्बर''' १५३०'''1530''' में भारत की राजगद्दी संभाली और उसके सौतेले भाई [[कामरान मिर्ज़ा]] ने [[काबुल]] और [[लाहौर]] का शासन ले लिया। बाबर ने मरने से पहले ही इस तरह से राज्य को बाँटा ताकि आगे चल कर दोनों भाइयों में लड़ाई न हो। कामरान आगे जाकर हुमायूँ के कड़े प्रतिद्वंदी बने। हुमायूँ का शासन [[अफ़ग़ानिस्तान|अफ़गानिस्तान]], [[पाकिस्तान]] और उत्तर [[भारत]] के हिस्सों पर १५३०'''1530'''-१५४०'''1540''' और फिर १५५५'''1555'''-१५५६'''1556''' तक रहा।
 
भारत में उसने [[शेर शाह सूरी|शेरशाह सूरी]] शेरशाह ने इसे बेलग्राम के युद्ध में पराजित कर दिया था तथा उससे बात से निर्वासित होना पड़ा उसने निर्वासन का कुछ समय काबुल सिंध अमरकोट में बिताया अंत में ईरान के शासक तहमास्य के पास शरण ली । ईरान के शासक की मदद से उसने काबुल कंधार में मध्य एशिया के क्षेत्रों को जीता। उसने '''1555 ई०''' में शेरशाह के अधिकारियों को हराकर एक बार फिर दिल्ली आगरा पर अधिकार कर लिया। '''1556''' में उसकी मृत्यु हो गई इस के साथ ही, मुग़ल दरबार की संस्कृति भी मध्य एशियन से इरानी होती चली गयी।
 
हुमायूँ के बेटे का नाम जलालुद्दीन मुहम्मद [[अकबर]] था। हिमायू की मृत्यु के समय उसका इकलौता पुत्र अकबर पंजाब के कलानौर में था। उसे वहीं पर शासक घोषित कर दिया गया।