"दयाराम": अवतरणों में अंतर

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दयाराम की कृतियों में "वल्लभ नो परिवार", "चौरासी वैष्णवमनु ढोला", "पुष्टिपथ रहस्य" तथा "भक्ति-पोषण" उनके पुष्टिमार्गीय होने का विशेष परिचय देती हैं। "रसिकवल्लभ", "नीतिभक्ति ना पदो" तथा "सतसैया" (ब्रजभाषा में लिखित) से कवि के धार्मिक, दार्शनिक विचारों का परिचय मिलता है। "अजामिलाख्या", "वृत्तासुराख्यान", "सत्याभामाख्यान", "ओखाहरण", आख्यानपरंपरा के पौराणिक काव्य हैं। [[भागवत पुराण|भागवतपुराण]] पर आधारित "दशमलीला" तथा "रासपंचाध्यायी आदि लीलाकाव्य अन्य पौराणिक आख्यानों से कुछ भिन्न हैं और उनमें भक्तिभाव की प्रचुरता है। "नरसिंह मेहता नी हंडी" नरसी के जीवन से संबद्ध है। "षडऋतु वर्णन" वर्णनात्मक प्रकृतिकाव्य है। इनके अतिरिक्त "गरबी संग्रह" में दयाराम के "ऊर्मिगीत" अर्थात् भावात्मक गेय पद संगृहीत हैं। "प्रश्नोत्तरमालिका" जैसे कुछ अन्य छोटे काव्य भी उन्होंने रचे हैं।
 
दयाराम बहुभाषाविज्ञ थे और उन्होंने [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[पंजाबी]], [[बृज|ब्रज]] और [[उर्दू भाषा|उर्दू]] में भी काव्यरचना की है। उनकी अधिकांश रचनाएँ "बृहत् काव्यदोहन" में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा अनेक के स्वतंत्र संस्करण भी छपे हैं।loda hai tuहैं।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==