"खनन": अवतरणों में अंतर
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संसार के अनेक देशों में, जिनमें [[भारत]] भी एक है, खनिकर्म बहुत प्राचीन समय से ही प्रचलित है। वास्तव में प्राचीन युग में धातुओं तथा अन्य खनिजों की खपत बहुत कम थी, इसलिए छोटी-छोटी खान ही पर्याप्त थी। उस समय ये खानें 100 फुट की गहराई से अधिक नहीं जाती थीं। जहाँ पानी निकल आया करता था वहाँ नीचे खनन करना असंभव हो जाता था; उस समय आधुनिक ढंग के [[पंप]] आदि यंत्र नहीं थे।
खनिजो से जुडे संदर्ब(references)-जिन कच्ची धातुओ मे खनिज मिलते है उन्हे अयस्क कहा जाता है। खुदाई करके अयस्क निकलने वाले स्थान को खादान या खान(mine) कहा जाता है।यदि धरातल पर ऊपर-ऊपर से खुदाई की जाए तो उसे उत्खनन (quarrying) कहते है और यदि भू-गर्भ से खनिज प्राप्त किए जाएं तो उस कार्य को खनन (mining )कहते है।
== परिचय ==
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