"श्रुति": अवतरणों में अंतर

छो 2409:4053:2D87:4E3D:0:0:F08:2610 (Talk) के संपादनों को हटाकर Ujjjval के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
कुछ ज़रूरी नोट।
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 12:
# इनको परम्-[[ब्रह्म]] परमात्मा ने प्राचीन [[ऋषि|ऋषियों]] को उनके अन्तर्मन में सुनाया था जब वे ध्यानमग्न थे। अर्थात श्रुति ईश्वर-रचित हैं।
# वेदों को पहले लिखा नहीं जाता था, इनको गुरु अपने शिष्यों को सुनाकर याद करवा देते थे और इसी तरह परम्परा चलती थी।
भारतीय संगीत का आधार श्रुति को माना जाता है श्रुति सूक्ष्मतर ध्वनि है। इसी श्रुति को पाश्चात्य संगीत में माइक्रोटोम कहा जाता है। श्रुति प्राचीन काल से ही शोध का विषय रही है। अनेक विद्द्वानो ने समय- समय पर अपने-अपने ढंग से श्रुति की व्याख्या की है।
 
दत्तिल के अनुसार, श्रुतियाँ विशेष प्रकार की ध्वनि हैं, जो सुनी जा सकती हैं। इनमे से कई ध्वनियाँ ऐसी होती हैं जो रंजक नहीं होती। ऐसी ध्वनियाँ संगीतोपयोगि नहीं होतीं।
 
== सन्दर्भ ==