"शाकम्भरी शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Neil Sagri (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
Neil Sagri (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 1:
शक्तिपीठ [[शाकम्भरी]] देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के जिला [[सहारनपुर]] मे अवस्थित एक महाशक्तिपीठ है।
[[कामाख्या]], रजरप्पा पीठ, तारापीठ, [[विंध्याचल]] पीठ की भांति यह भी एक सिद्ध पीठ है क्योंकि यहाँ माँ की प्रतिमा स्वयं सिद्ध है जोकि दुर्लभ क्षेत्रों मे ही होती है, केदारखंड के अनुसार यह [[शाकम्भरी]] क्षेत्र है जिसकी महिमा अपार है। [[ब्रह्मपुराण]] मे इस पीठ को सिद्धपीठ कहा गया है अनेकों पुराणों और आगम ग्रंथों में यह पीठ परम पीठ, शक्तिपीठ,सतीपीठ और सिद्धपीठ नामों से चर्चित है। यह क्षेत्र भगवती शताक्षी का सिद्ध स्थान है। इस परम दुर्लभ तीर्थ क्षेत्र को पंचकोसी सिद्धपीठ कहा जाता है।भगवती सती का शीश इसी क्षेत्र मे गिरा था इसलिए इसकी गणना देवी के प्रसिद्ध शक्तिपीठों मे होती है। उत्तर भारत की नौ देवियों की प्रसिद्ध यात्रा माँ शाकम्भरी देवी के दर्शन बिना पूर्ण नही होती। [[शिवालिक]] पर्वत पर स्थित यह शाकम्भरी देवी का सबसे प्राचीन तीर्थ है।
'''शाकम्भरी यत्र जाता मुनिनात्राण कारणात।'''
'''तस्य पीठं परम पीठं सर्वपाप प्राणशनं।'''
|