"ध्यान (योग)": अवतरणों में अंतर
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ध्यान का अभ्यास आगे बढ़ने के साथ मन शांत हो जाता है जिसको योग की भाषा में चित्तशुद्धि कहा जाता है। ध्यान में साधक अपने शरीर, वातावरण को भी भूल जाता है और समय का भान भी नहीं रहता। उसके बाद समाधिदशा की प्राप्ति होती है। योगग्रंथो के अनुसार ध्यान से कुंडलिनी शक्ति को जागृत किया जा सकता है और साधक को कई प्रकार की शक्तियाँ प्राप्त होती है। पतंजलि योग में मुख्य आठ प्रकार की शक्तियों का वर्णन किया गया है।
==सन्दर्भ==
[https://hindudharmalive.com/kaise-tn-aur-mn-ka-samadhan-dhyan/ कैसे तन और मन का समाधान है ध्यान?]
== इन्हें भी देखें==
* [[ध्यान]] (attention)
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