"मूल अधिकार (भारत)": अवतरणों में अंतर

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# '''अधिकार पृच्छा''' : जब न्यायालय को लगता है कि कोई व्यक्ति ऐसे पद पर नियुक्त हो गया है जिस पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है तब न्यायालय 'अधिकार पृच्छा आदेश' जारी कर व्यक्ति को उस पद पर कार्य करने से रोक देता है।
# '''उत्प्रेषण रिट''' : जब कोई निचली अदालत या सरकारी अधिकारी बिना अधिकार के कोई कार्य करता है तो न्यायालय उसके समक्ष विचाराधीन मामले को उससे लेकर उत्प्रेषण द्वारा उसे ऊपर की अदालत या सक्षम अधिकारी को हस्तांतरित कर देता है।<ref>{{Cite web |url=http://constitutionindia.tripod.com/id11.html |title=PART-III FUNDAMENTAL DUTIES AND RIGHTS |access-date=12 जुलाई 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120722004555/http://constitutionindia.tripod.com/id11.html |archive-date=22 जुलाई 2012 |url-status=dead }}</ref><ref name=":0">भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार, (कक्षा ११ के लिए राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तक) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, २00६, पृष्ठ- ४१, ISBN: 81-7450-590-3</ref>
 
=== मूल अधिकारों की विशेषताएं ===
भारतीय संविधान में '''[https://www.khbarkona21news.com/2021/03/fundamental-rights-in-hindi.html मूल अधिकारों]''' की निम्नलिखित विशेषताएं बाताई गई हैं-
 
1- इनमें से कुछ नागरिकों को के लिए  उपलब्ध हैं, जबकि कुछ अन्य सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं चाहे वे नागरिक, विदेशी लोग या कानूनी व्यक्ति, जैसे-परिषद् एवं कंपनियां।
 
2- यह अधिकार असीमित नहीं है, राज्य इन अधिकारों पर युक्तियुक्त प्रतिबंध भी लगा सकता है। हालांकि यह कारण उचित है या नहीं इसका निर्णय अदालत करती हैं।
 
3- यह अधिकार सभी सरकार की एकपक्षीय निर्णय के विरुद्ध उपलब्ध हैं। हालांकि कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी उपलब्ध हैं।
 
4- इनमें से कुछ अधिकार नकारात्मक विशेषताएं वाले हैं, जैसे- राज्य के अधिकार को सीमित करने से संबंधित;  जबकि कुछ सकारात्मक भी हैं जैसे व्यक्तियों के लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान है।
 
5- यह अधिकार न्याय उचित है।  यह व्यक्तियों को अदालत जाने की अनुमति देते हैं जब भी इनका उल्लंघन होता है तब।
 
6- इन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा गारंटी प्रदान की गई है हालांकि पीड़ित व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय जा सकता है यह आवश्यक नहीं है कि केवल उच्च न्यायालय के खिलाफ ही वहां अपील को लेकर जाया जाए।
 
7- इन अधिकारों का क्रियान्वयन ऐसे इलाकों में रोका जा सकता है जहां फौजी कानून प्रभावी हों।
 
== सन्दर्भ ==
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* [https://web.archive.org/web/20171226131944/http://www.sansarlochan.in/fundamental-rights-hindi-%E0%A4%AE%E0%A5%8C%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0/ मौलिक अधिकार]
*[https://www.khbarkona21news.com/2021/01/judicial-review.html न्यायिक समीक्षा]
 
[[श्रेणी:भारत का संविधान]]