"आहारीय रेशा": अवतरणों में अंतर
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[[File:Soybeanvarieties.jpg|thumb|[[सोयाबीन]] जैसे लेग्यूम्स में आहारीय रेशा भरपूर मात्रा में उपस्थित होता है]]
'''आहारीय रेशा''', [[आहार]] में उपस्थित रेशे तत्त्व को कहते हैं। ये पौधों से मिलने वाले ऐसे तत्व हैं जो स्वयं तो अपाच्य होते हैं, किन्तु मूल रूप से
आहारीय रेशे सभी पौधों में पाए जाते हैं। जिन पौधों में रेशा अधिक मात्र में पाया जाता है, अधिकतर उनसे ही इन्हें प्राप्त किया जाता है। अधिक मात्र वाले फाइबर पौधों को सीधे तौर पर भी आहार में ग्रहण किया जा सकता है या इन्हें उचित विधि से पकाकर भोजन के तौर पर भी खाया जा सकता है। घुलनशील रेशे कई पौधों में पाए जाते हैं जिनसे मिलने वाले खाद्य पदार्थो में [[जौ]], [[केला]], [[सेब]], [[मूली]], [[आलू]], [[प्याज]] आदि प्रमुख हैं। अघुलनशील रेशे [[मक्का]], [[आलू]] के [[छिलका|छिलके]], [[मूंगफली]], [[गोभी]] और [[टमाटर]] में से प्राप्त होते हैं। [[रसभरी]] जैसे फल में भी रेशा होता है। घुलनशील रेशे से शरीर को अधिक [[ऊर्जा]] मिलती है, जबकि अघुलनशील रेशे से शरीर को ऊर्जा प्राप्त नहीं करनी चाहिए। यह भी ध्यान योग्य है कि दोनों तरीके से शरीर में प्रति ग्राम फाइबर से चार [[कैलोरी]] भी जाती है।
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