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===विश्वसनीय स्रोत सूचनापट===
परमार वंश प्राचीन "मालव गण" जाति के वीर तीर, तलवार में प्रवीण जन थे।जो सिकंदर (२२७_२३ ई पू) को घायल कर दिया था। मालव छुड़रक संघ भी बना था। उन् मालवों का गोत्र_=मार परा-मार"पावर,=पवार,सौन,=सौनक, वसीस,=वसिस्ट, घडेया, दिया, कुरिक नाग... आदि हैं। सिकंदर के आक्रमण के समय बहुत सारे गण जन जाति (गणतांत्रिक) लोग pschmotr भारत से mdhyabhart में आ बसे थे। उन्हीं मालवों के वंश मध्यायुग में (८-१०विशताब्दी)में आतंकियों के आतंक से मुक्त होने (विदेशी आक्रमण कारी) के लिए ऋषियों (प्रबुद्ध लोगों) के द्वारा अबू पर्वत के सुरक्छित पहाड़ी पर यज्ञ किया जिसके अग्नि कुंड से चार बीर भए। तात्पर्य यहां यह दर्शाता है कि भारत के शुभ चिंतकों (ऋषियों) द्वारा प्राचीन मालव आदि गण तांत्रिक जातियों का चार तरह के हठियार वाले रेजिमेंट चार दिशाओं के लिए तैयार किया। जिसमे पर+मार=तीर, चलाने वाले रेजिमेंट को "परमार"अर्थात पंख लगा हुआ मार=लोहे का नुकीला घातक मार करने वाली यंत्र जिसे तीर कहा जाता है। अर्थात तीर चलाने वाले रेजिमेंट को "परमार"की उपधी से संबोधित किया गया । जो परमार वंश या जाति से प्रसिद्ध हुए।।,।।
विशेष कथन के लिए विशिष्ट स्रोत की विश्वसनीयता पर चर्चा करने के लिए, [[अंग्रेज़ी विकिपीडिया]] के [[:en:Wikipedia:Reliable sources/Noticeboard|इस सूचनापट]] पर परामर्श करें, जो विशेष मामलों के लिए इस नीति को लागू करना चाहता है।
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