"वैशेषिक दर्शन": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 19:
* '''[[पदार्थधर्मसंग्रह]]''' ([[प्रशस्तपाद]], 4 वी सदी के पूर्व) वैशेषिक का प्रसिद्ध ग्रन्थ है। यद्यपि इसे वैशेषिकसूत्र का भाष्य कहा जाता है, किन्तु यह एक स्वतंत्र ग्रन्थ है।
 
* पदार्थधर्मसंग्रह की टीका "'''व्योमवती'"'' (व्योमशिवाचार्य, 8 वीं सदी),
 
* पदार्थधर्मसंग्रह की अन्य टीकाएँ हैं- '''न्यायन्दली''' (श्रीधराचार्य, 10 वीं सदी), '''किरणावली''' (उदयनाचार्य 10 वीं सदी), '''लीलावती''' (श्रीवत्स, ११वीं शदी)।