"वैशेषिक दर्शन": अवतरणों में अंतर

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* '''भाषापरिच्छेद''' या '''कारिकावली''' - विश्वनाथ न्यायपञ्चानन कृत (1634 ई) ; इस पर उन्होने 'न्यायसिद्धान्तमुक्तावली' नाम से स्वयं भाष्य लिखा है।
 
* '''तर्कसंग्रह''' : न्याय एवं वैशेषिक दोनो दर्शनों को समाहित करने वाला ग्रंथ है। इसके रचयिता [[अन्नम भट्ट|अन्नम्भट्ट]] हैं जिनका समय १६२५ से १७०० ई माना जाता है।
 
* '''अन्य''' : वृत्ति, भाष्य (चंद्रकांत 20 वीं सदी), विवृत्ति (जयनारायण 20 वीं सदी), कणाद-रहस्य, तार्किक-रक्षा आदि अनेक मौलिक तथा टीका ग्रंथ हैं।<ref>[https://bharatvarsha.org/वैशेषिक-दर्शन-के-प्रमुख-आ/ वैशेषिक दर्शन के प्रमुख आचार्य एवं उनके ग्रन्थ]</ref>