"परमाणु": अवतरणों में अंतर

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{{ज्ञानसन्दूक परमाणु}}
 
एक '''परमाणु''' किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक [[रासायनिक तत्व]] के गुण होते हैं।<ref>{{cite encyclopedia|title=Atom|encyclopedia=[[Compendium of Chemical Terminology|Compendium of Chemical Terminology (IUPAC Gold Book)]]|publisher=IUPAC|edition=2nd|url=http://goldbook.iupac.org/A00493.html|accessdate=2015-04-25|archiveurl=https://web.archive.org/web/20151104063542/http://goldbook.iupac.org/A00493.html|archivedate=4 नवंबर 2015|url-status=live}}</ref> हर [[ठोस]], [[तरल]], [[गैस]], और [[प्लाज़्मा (भौतिकी)|प्लाज्मा]] तटस्थ या [[आयनन]] परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 1001 pmएगेस्ट्रोम (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं।<ref name=Ghosh02>{{cite journal | author = Ghosh, D. C. |author2= Biswas, R. | title = Theoretical calculation of Absolute Radii of Atoms and Ions. Part 1. The Atomic Radii | journal = Int. J. Mol. Sci. | volume = 3 | pages = 87–113 | year = 2002 | doi=10.3390/i3020087}}</ref> हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।
 
परमाणुओं इतने छोटे है कि शास्त्रीय भौतिकी इसका काफ़ी गलत परिणाम देते हैं।
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एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन्स इस [[विद्युत्चुम्बकत्व|विद्युत चुम्बकीय बल]] द्वारा एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की ओर आकर्षित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक अलग बल, यानि [[नाभिकीय बल|परमाणु बल]] के द्वारा एक दूसरे को आकर्षित करते है, जोकि विद्युत चुम्बकीय बल जिसमे सकारात्मक आवेशित प्रोटॉन एक दूसरे से पीछे हट रहे हैं, की तुलना में आम तौर पर शक्तिशाली है।
 
परमाणु के केन्द्र में [[परमाणु नाभिक|नाभिक]] (न्यूक्लिअस) होता है जिसका [[घनत्व]] बहुत अधिक होता है। नाभिक का व्यास फर्मी में मापते हे । (एक फर्मि बराबर 10 की घात-15 ) नाभिक के चारो ओर [[ऋणात्मक]] [[विद्युत आवेश|आवेश]] वाले [[इलेक्ट्रॉन|एलेक्ट्रान]] चक्कर लगाते रहते हैं जिसको एलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, [[धनात्मक]] आवेश वाले [[प्रोटॉन|प्रोटानों]] एवं अनावेशित (न्यूट्रल) [[न्यूट्रॉन|न्यूट्रानों]] से बना होता है। जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु [[विद्युत आवेश|धनावेशित]] या [[ऋणावेशित]] [[आयन|ऑयन]] के रूप में होता है।
 
आधुनिक रसायनशास्त्र में शताधिक मूल भूत माने गए हैं, जिनमें से कुछ तो धातुएँ हैं जैसे ताँबा, सोना, लोहा, सीसा, चाँदी, राँगा, जस्ता; कुछ और खनिज हैं, जैसे, गंधक, फासफरस, पोटासियम, अंजन, पारा तथा कुछ गैस हैं, जैसे, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि। इन्हीं मूल भूतों के अनुसार परमाणु आधुनिक रसायन में माने जाते हैं। पहले समझा जाता था कि ये अविभाज्य हैं। अब इनके भी टुकड़े कर दिए गए हैं।