"भक्ति काल": अवतरणों में अंतर

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[[हिन्दी साहित्य का इतिहास|हिन्दी साहित्य के इतिहास]] में '''भक्ति काल''' महत्वपूर्ण स्थान रखता है। [[आदिकाल]] के बाद आये इस युग को 'पूर्व मध्यकाल' भी कहा जाता है। इसकी समयावधि 1375 वि.सं से 1700 वि.सं तक की मानी जाती है। यह [[हिंदी साहित्य]] का श्रेष्ठ युग है जिसको [[जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन|जॉर्ज ग्रियर्सन]] ने '''स्वर्णकाल,''' श्यामसुन्दर दास ने '''स्वर्णयुग,''' [[रामचन्द्र शुक्ल|आचार्य राम चंद्र शुक्ल]] ने '''[[भक्तिकाल के कवि|भक्ति काल]]''' एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी ने '''लोक जागरण''' कहा। सम्पूर्ण साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएं इसी में प्राप्त होती हैं।