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=== आलोचना के सौ बरस ===
अरविन्द त्रिपाठी के संपादन-क्षेत्र में मील का पत्थर है 'आलोचना के सौ बरस'। इसमें उनकी आलोचनात्मक अन्तर्दृष्टि एवं व्यवस्थापन क्षमता का उत्तम परिचय मिलता है।<ref name="टूडेटुडे">मदन कश्यप, '[[इंडिया टूडेटुडे]]' 11 सितम्बर 2002, पृ-75.</ref> तीन खण्डों में प्रकाशित यह ग्रन्थ मूलतः अरविन्द त्रिपाठी द्वारा सम्पादित '[[वर्तमान साहित्‍य|वर्तमान साहित्य]]' पत्रिका के 'शताब्दी आलोचना पर एकाग्र' तीन अंकों का पुस्तकीय रूप है। 'वर्तमान साहित्य' के इस शताब्दी आलोचना विशेषांक के तीनों अंक इस पत्रिका के वर्ष-19, अंक-5,6 एवं 7 के रूप में क्रमशः मई, जून एवं जुलाई 2002 ई॰ में प्रकाशित हुए थे।<ref>वर्तमान साहित्य, शताब्दी आलोचना पर एकाग्र-1,2,3, वर्ष-19, अंक-5,6,7, मई,जून एवं जुलाई 2002, आवरण एवं पृष्ठ-2 (संपादकीय तथा विषय-सूची से पूर्व)।</ref><ref>अनभै साँचा, संयुक्तांक-43-44, जुलाई-दिसंबर-2016, (डॉ॰ [[विश्वनाथ त्रिपाठी]] पर एकाग्र), संपादक- द्वारिकाप्रसाद चारुमित्र, पृष्ठ-154.</ref> इस विशेषांक के प्रथम खंड में संपादकीय के रूप में 'सदी की आलोचना को 'देखना'...' शीर्षक 12 पृष्ठों की विस्तृत भूमिका थी<ref>वर्तमान साहित्य, शताब्दी आलोचना पर एकाग्र-1, वर्ष-19, अंक-5, मई 2002, पृष्ठ-5 से 16 (विषय-सूची से पूर्व)।</ref>, जिसे पुस्तक-रूप में प्रकाशन के समय हटाकर एक पृष्ठ की संक्षिप्त भूमिका दे दी गयी है; किन्तु पृष्ठ-संख्या संपादकीय के बाद आरंभ होने के कारण उक्त विशेषांक एवं उनके पुस्तकीय रूप 'आलोचना के सौ बरस' के तीनों खंडों की विषय-सूची एवं पृष्ठ-संख्या बिल्कुल समान हैं। अंतर केवल एक आलेख का है। विशेषांक के द्वितीय खंड में 'संवाद' उपखंड के अंत में व्यंग्यात्मक शैली में लिखा एक कमजोर<ref name="टूडेटुडे" /> आलेख था - छोटे सुकुल जी लिखित 'आलोचक का भीतर-बाहर (समकालीन आलोचना का पोस्टमार्टम)'। यह आलेख पृष्ठ-संख्या-392 से था। पुस्तक रूप में प्रकाशित होते समय इसे हटा कर उसी पृष्ठ-संख्या से रुस्तम राय लिखित 'स्वाधीनता आंदोलन और प्रतिबन्धित पत्रिकाएँ' शीर्षक आलेख दे दिया गया है। पुनः अगले आलेख की पृष्ठ संख्या में कोई अंतर नहीं है।
 
इस वृहदाकार आयोजन के प्रथम खण्ड में 'हिन्दी आलोचना के नवरत्न' के रूप में नौ आलोचकों पर चुने हुए आलोचकों के नौ विवेचनात्मक आलेख एवं 'प्रमुख आलोचनात्मक और वैचारिक कृतियाँ' शीर्षक अनुभाग के अन्तर्गत शीर्ष स्थानीय कृतियों की समीक्षाएँ प्रस्तुत की गयी हैं।