"धर्मपाल": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 5:
पाल वंश के संस्थापक [[गोपाल]] के बाद उसका पुत्र [[धर्मपाल]] ७७० ई. में सिंहासन पर बैठा। धर्मपाल ने ४० वर्षों तक शासन किया। वह [[कन्‍नौज]] के लिए त्रिदलीय संघर्ष में उलझा रहा। उसने कन्‍नौज की गद्दी से इंद्रायूध को हराकर चक्रायुध को आसीन किया। चक्रायुध को गद्दी पर बैठाने के बाद उसने एक भव्य दरबार का आयोजन किया तथा 'उत्तरापथ स्वामिन' की उपाधि धारण की।
 
धर्मपाल बौद्ध धर्मावलम्बी था। उसने काफी [[मठ]] व [[बौद्ध विहारबिहार]] बनवाये। वह एक उत्साही बौद्ध समर्थक था, उसके लेखों में उसे '''परम सौगात''' कहा गया है। उसने [[विक्रमशिला]] व सोमपुरी प्रसिद्ध बिहारों की स्थापना की। [[भागलपुर]] जिले में स्थित विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय का निर्माण करवाया था। उसके देखभाल के लिए सौ गाँव दान में दिये थे। उल्लेखनीय है कि [[प्रतिहार]] राजा [[नागभट्ट द्वितीय]] एवं [[राष्ट्रकूट]] राजा ध्रुव ने धर्मपाल को पराजित किया था।
 
{{पाल राजवंश के शासक}}