"शीतला अष्टमी": अवतरणों में अंतर

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{{आज का आलेख}}
{{ज्ञानसन्दूक त्योहार |त्योहार_के_नाम = शीतला अष्टमीसप्तमी
|चित्र =
|शीर्षक = शीतला माता की मूर्ति
पंक्ति 9:
|आरम्भ = प्राचीन काल
|शेष =
|तिथि = [[चैत्र]] मास के [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमीसप्तमी ]] तिथि
|दीर्घ-प्रकार =
|तारीख़ =
|तिथि२०१० = ८ मार्च
|तिथि२०११ = २६ मार्च
|तिथि२०२१ = 3 अप्रेल
|तिथि२००८ =
|उत्सव =
|अनुसरण =
|समान पर्व =
|type =शीतला सप्तमी
|type =
}}
'''शीतला अष्टमीसप्तमी''' हिन्दु
ओं का एक त्योहार है जिसमें [[शीतला देवी|शीतला माता]] के व्रत और पूजन किये जाते हैं। ये [[होली]] सम्पन्न होने के अगले सप्ताह में बाद करते हैं। प्रायः शीतला देवी की पूजा [[चैत्र]] मास के [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमीसप्तमी]] तिथि से प्रारंभ होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर इनकी पूजा [[होली]] के बाद पड़ने वाले पहले [[सोमवार]] अथवा [[गुरुवार]] के दिन ही की जाती है।<ref>{{Cite web |url=http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rj013.htm#Shitla |title=जयपुर के प्रमुख त्यौहार |access-date=24 अप्रैल 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100109232551/http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rj013.htm#Shitla |archive-date=9 जनवरी 2010 |url-status=dead }}</ref><ref name="दुनिया">[http://hindi.webdunia.com/religion/occasion/others/0803/27/1080327022_1.htm शीतला सप्तमी-अष्टमी] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20100227081225/http://hindi.webdunia.com/religion/occasion/others/0803/27/1080327022_1.htm |date=27 फ़रवरी 2010 }}। वेबदुनिया</ref> भगवती शीतला की पूजा का विधान भी विशिष्ट होता है। शीतलाष्टमी के एक दिन पूर्व उन्हें भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानि '''बसौड़ा''' तैयार कर लिया जाता है। अष्टमी के दिन बासी पदार्थ ही देवी को नैवेद्य के रूप में समर्पित किया जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। इस कारण से ही संपूर्ण उत्तर भारत में शीतलाष्टमी त्यौहार, बसौड़ा के नाम से विख्यात है।<ref name="जागरण">[http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&articleid=4536&category=13 कष्ट हरने वाली देवी शीतला] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20100919082817/http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&articleid=4536&category=13 |date=19 सितंबर 2010 }}। याहू जागरण</ref> ऐसी मान्यता है कि इस दिन के बाद से बासी खाना खाना बंद कर दिया जाता है।<ref name="दुनिया"/> ये ऋतु का अंतिम दिन होता है जब बासी खाना खा सकते हैं।
 
== माहात्म्य ==