"फ़ैज़ाबाद": अवतरणों में अंतर

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'''फैजाबाद''' [[भारत]] के राज्य [[उत्तर प्रदेश]] के अयोध्या जिले का एक प्रमुख शहर है, जो अयोध्या शहर के साथ मिला हुआ एक [[नगर निगम]] है। [[राम|भगवान राम]], [[राममनोहर लोहिया]], [[कुँवर नारायण|कुंवर नारायण]], [[राम प्रकाश द्विवेदी]] आदि की यह जन्मभूमि है। इस शहर को अवध के नवाब द्वारा बसाया गया था। यह 6 नवंबर 2018 तक फैजाबाद जिला और [[फैजाबाद मंडल]] का मुख्यालय था, जब मुख्यमंत्री [[योगी आदित्यनाथ]] की अध्यक्षता में [[उत्तर प्रदेश कैबिनेट]]<ref >{{Cite web |url=https://www.amarujala.com/lucknow/cabinet-approved-the-proposal-of-changing-the-name-of-allahabad-and-faizabad |title=संग्रहीत प्रति |access-date=19 मई 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20181211205717/https://www.amarujala.com/lucknow/cabinet-approved-the-proposal-of-changing-the-name-of-allahabad-and-faizabad |archive-date=11 दिसंबर 2018 |url-status=live }}</ref > ने अयोध्या के रूप में फैजाबाद जिले का नाम बदलने और जिले के प्रशासनिक मुख्यालय को अयोध्या शहर में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी। फैजाबाद राज्य की राजधानी [[लखनऊ]] से लगभग 130 किलोमीटर पूर्व में [[सरयूघाघरा नदी]] (जिसे सरयू के नाम से जाना जाता है) के तट पर स्थित है। यह [[अवध]] के [[नवाब|नवाबों]] की पहली राजधानी थी और इसमें नवाबों द्वारा निर्मित स्मारक हैं, जैसे [[बहू बेगम]], [[गुलाब बारी]] का मकबरा।
 
== इतिहास ==
अयोध्या'''फैजाबाद''' का इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण एवं समृद्ध है। यह प्रभु [[राम|श्रीराम]] की जन्म एवं कर्मस्थली है। प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली [[अयोध्या जिला|अयोध्या जनपद]] में स्थित है। रामइसका नाम पहले अयोध्या था लेकिन मुगल आक्रमणकारी ने इसका नाम बदलकर फैजाबाद कर दिया था लेकिन योगी कि सरकार ने इसका नाम दोबारा से बदलकर अयोध्या कर दिया है-भरत मिलाप''' के पश्चात [[भरत]] खड़ाऊँ लेकर अयोध्याफैजाबाद मुख्यालय से 15 किमी॰ दक्षिण [[सुलतानपुर जिला| सुलतानपुर रोड]] रोड पर स्थित [[भरतकुण्ड]] नामक स्थान पर चौदह वर्ष तक रहे। यहाँ पतित पावनी माँ सरयू नदी रूप में अवतरित होकर सदियोँ से मानव कल्याण करती है।
वेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर बताया गया है, "अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या"[2] और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। अथर्ववेद में यौगिक प्रतीक के रूप में अयोध्या का उल्लेख है- अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या। तस्यां हिरण्मयः कोशः स्वर्गो ज्योतिषावृतः॥ (अथर्ववेद -- 10.2.31). रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी। यह पुरी सरयू के तट पर बारह योजन (लगभग १४४ कि.मी) लम्बाई और तीन योजन (लगभग ३६ कि.मी.) चौड़ाई में बसी थी। [3] कई शताब्दी तक यह नगर सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा। स्कन्दपुराण के अनुसार सरयू के तट पर दिव्य शोभा से युक्त दूसरी अमरावती के समान अयोध्या नगरी है।[4] अयोध्या मूल रूप से हिंदू मंदिरो का शहर है। यहां आज भी हिंदू धर्म से जुड़े अवशेष देखे जा सकते हैं।
अयोध्याफैजाबाद की स्थापना अवध के पहले नबाव [[सआदत अली खान]] ने 1730 में की थी। उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाई, लेकिन वह यहाँ बहुत कम समय व्यतीत कर पाए। तीसरे नवाब शुजाउद्दौला यहाँ रहते थे और उन्होंने नदी के तट पर 1764 में एक दुर्ग का निर्माण करवाया था; उनका और उनकी बेगम का मक़बरा इसी शहर में स्थित है। 1775 में अवध की राजधानी को [[लखनऊ]] ले जाया गया। 19वीं शताब्दी में अयोध्याफैजाबाद का पतन हो गया।
 
जैन मत के अनुसार यहां चौबीस तीर्थंकरों में से पांच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। क्रम से पहले तीर्थंकर ऋषभनाथ जी, दूसरे तीर्थंकर अजितनाथ जी, चौथे तीर्थंकर अभिनंदननाथ जी, पांचवे तीर्थंकर सुमतिनाथ जी और चौदहवें तीर्थंकर अनंतनाथ जी। इसके अलावा जैन और वैदिक दोनों मतो के अनुसार भगवान रामचन्द्र जी का जन्म भी इसी भूमि पर हुआ। उक्त सभी तीर्थंकर और भगवान रामचंद्र जी सभी इक्ष्वाकु वंश से थे। इसका महत्व इसके प्राचीन इतिहास में निहित है क्योंकि भारत के प्रसिद्ध एवं प्रतापी क्षत्रियों (सूर्यवंशी) की राजधानी यही नगर रहा है। उक्त क्षत्रियों में दाशरथी रामचन्द्र अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। पहले यह कोसल जनपद की राजधानी था। प्राचीन उल्लेखों के अनुसार तब इसका क्षेत्रफल 96 वर्ग मील था। यहाँ पर सातवीं शाताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग आया था। उसके अनुसार यहाँ 20 बौद्ध मंदिर थे तथा 3000 भिक्षु रहते थे।
 
अयोध्या का इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण एवं समृद्ध है। यह प्रभु श्रीराम की जन्म एवं कर्मस्थली है। प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या जनपद में स्थित है। राम-भरत मिलाप के पश्चात भरत खड़ाऊँ लेकर अयोध्या मुख्यालय से 15 किमी॰ दक्षिण सुलतानपुर रोड रोड पर स्थित भरतकुण्ड नामक स्थान पर चौदह वर्ष तक रहे। यहाँ पतित पावनी माँ सरयू नदी रूप में अवतरित होकर सदियोँ से मानव कल्याण करती है।
 
अयोध्या की स्थापना अवध के पहले नबाव सआदत अली खान ने 1730 में की थी। उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाई, लेकिन वह यहाँ बहुत कम समय व्यतीत कर पाए। तीसरे नवाब शुजाउद्दौला यहाँ रहते थे और उन्होंने नदी के तट पर 1764 में एक दुर्ग का निर्माण करवाया था; उनका और उनकी बेगम का मक़बरा इसी शहर में स्थित है। 1775 में अवध की राजधानी को लखनऊ ले जाया गया। 19वीं शताब्दी में अयोध्या का पतन हो गया।
 
== यातायात और परिवहन ==
अयोध्याफैजाबाद सड़क और रेल मार्ग द्वारा लखनऊ, प्रयागराज (भूतपूर्व प्रयाग), वाराणसी (भूतपूर्व काशी), [[सुलतानपुर जिला| सुल्तानपुर]] (भूतपूर्व कुशभवनपुर), [[जौनपुर]] और उत्तर भारत के अन्य शहरों से भलीभाँति जुड़ा हुआ है।
 
=== वायु मार्ग ===
अयोध्याफैजाबाद का निकटतम हवाई अड्डा अयोध्याफैजाबाद में है। एयरपोर्ट से अयोध्याफैजाबाद लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा रामजन्मभूमि अयोध्या स्थित पूर्व परिणाम में भी हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविधालय, अयोध्या के समीप स्थित है। इस हवाई अड्डे के नाम श्रीरामलला अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है लेकिन अभी यह हवाई अड्डा चालू नहीं हुआ है जबकि प्रस्तावित हो गया है अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने को।
 
=== रेल मार्ग ===
रेल मार्ग द्वारा [[दिल्ली]], [[लखनऊ]], [[वाराणसी]], [[प्रयागराजइलाहाबाद|प्रयागराज]] (प्रयाग), [[सुल्तानपुर]] और [[जौनपुर]] से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है।
 
=== सड़क मार्ग ===
अयोध्याफैजाबाद सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। [[दिल्ली]], [[लखनऊ]], [[गोरखपुर]], [[वाराणसी]], [[प्रयागराजइलाहाबाद|प्रयागराज]], [[जौनपुर]], [[सुल्तानपुर]] और अन्य जगहों से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है।
 
== कृषि और खनिज ==
अयोध्याफैजाबाद , सरयू नदी के दक्षिणी तट के किनारे जलोढ़ मैदान के उपजाऊ हिस्से पर बसा हुआ है। यहाँ प्रमुख फ़सलें धान, गन्ना, गेहूँ और तिलहन हैं। अयोध्या के दक्षिण-पूर्व में स्थित टांडा शहर में निर्यात के लिए हथकरघा वस्त्र का निर्माण होता है। तथा [[अबेंडकर नगर]] जिले के [[राजेसुल्तानपुर]] से तम्बाकु सस्ती दरो पर प्राप्त हो जाता है, सोहावल के पास पनबिजली उत्पादन केंद्र है।
 
== उद्योग और व्यापार ==
अयोध्याफैजाबाद शहर के उद्योगों में चीनी प्रसंस्करण और तिलहन की पेराई शामिल है तथा यह कृषि उत्पादों का व्यापारिक केंद्र भी है।
 
== पर्यटन ==