"भोपाल": अवतरणों में अंतर
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'''भोपाल''' [[भारत]] देश में [[मध्य प्रदेश]] [[राज्य]] की राजधानी है और [[भोपाल जिला|भोपाल
भोपाल में [[भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड]] (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र]] ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' यहां स्थापित
== इतिहास ==
{{main|भोपाल का इतिहास}}
[[File:Gol ghar bhopal.jpg|thumb|गोलघर]]
एक मान्यता के अनुसार भोपाल का प्राचीन नाम भूपाल था अर्थात्
[[File:Taj Mahal Bhopal.jpg|thumb|left|[[ताज महल - भोपाल]]]]
भोपाल की स्थापना परमार [[परमार भोज|राजा भोज]] ने १०००-१०५५ ईस्वी में की थी। उनके राज्य की राजधानी [[धार]] थी, जो अब मध्य प्रदेश का एक
महारानी कमलापति
१७२०-१७२६ के दौरान दोस्त
[[मराठा साम्राज्य|मराठाओं]] ने भी भोपाल राज्य से [[चतुर्थी|चौथ]] (कुल [[लगान]] का चौथा हिस्सा) वसूली की। १७३७ में मराठाओं ने
{{multiple image
<!-- Essential parameters -->
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भोपाल मेट्रो, भोपाल की एक निर्माणाधीन यातायात प्रणाली है<ref>{{Cite web |url=http://www.mpmetrorail.com/index.php/2016-04-30-12-07-21/2016-04-30-12-07-57/bhopal-metro |title=संग्रहीत प्रति |access-date=23 सितंबर 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190426110229/http://www.mpmetrorail.com/index.php/2016-04-30-12-07-21/2016-04-30-12-07-57/bhopal-metro |archive-date=26 अप्रैल 2019 |url-status=dead }}</ref>। वर्तमान समय में भोपाल मेट्रो में दो मार्गों पर काम हो रहा है<ref>{{Cite web |url=http://www.mpmetrorail.com/index.php/2016-04-30-12-07-21/2016-04-30-12-07-57/bhopal-metro |title=संग्रहीत प्रति |access-date=23 सितंबर 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190426110229/http://www.mpmetrorail.com/index.php/2016-04-30-12-07-21/2016-04-30-12-07-57/bhopal-metro |archive-date=26 अप्रैल 2019 |url-status=dead }}</ref>
'''लाइन २:''' करोंद चौराहा - भोपाल टॉकीज - रेलवे स्टेशन - भारत टॉकीज - पुल बोगदा - सुभाष नगर अंडरपास - डीबी मॉल - बोर्ड ऑफिस चौराहा - हबीबगंज नाका - अलकापुरी बस स्टॉप - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान▼
▲करोंद चौराहा - भोपाल टॉकीज - रेलवे स्टेशन - भारत टॉकीज - पुल बोगदा - सुभाष नगर अंडरपास - डीबी मॉल - बोर्ड ऑफिस चौराहा - हबीबगंज नाका - अलकापुरी बस स्टॉप - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान
''मार्ग की लम्बाई
'''लाइन ५:''' डिपो चौराहा - जवाहर चौक - रोशनपुरा चौराहा - मिंटो हॉल - लिली टॉकीज़ - जिन्सी डिपो - बोगदा पुल - प्रभात चौराहा - अप्सरा टॉकीज - गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया - जे के रोड - रत्नागिरी चौराहा▼
▲डिपो चौराहा - जवाहर चौक - रोशनपुरा चौराहा - मिंटो हॉल - लिली टॉकीज़ - जिन्सी डिपो - बोगदा पुल - प्रभात चौराहा - अप्सरा टॉकीज - गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया - जे के रोड - रत्नागिरी चौराहा
''मार्ग की लम्बाई
==भोपाल गैस त्रासदी==
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== भौगोलिक स्थिति ==
भोपाल भारत के मध्य भाग में स्थित है और इसके निर्देशांक २३.२७º उ. एवं ७७.४º पू. हैं। यह विंध्य पर्वत श्रृंखला के पूर्व में है। भोपाल एक पहाड़ी इलाक़े पर स्थित है किंतु इसका तापमान अधिकतर गर्म रहता है। इसका भू-भाग ऊँचा-नीचा है एवं इसके दायरे में कई छोटे पहाड़ हैं। उदाहरण के लिए श्यामला हिल, ईदगाह हिल, अरेरा हिल,
नगर निगम की सीमा २८९ वर्ग कि. मी. है। शहरी सीमा के भीतर दो मानव निर्मित झीलें है जो संयुक्त रूप से भोज स्थल के नाम से जानी जाती हैं। बड़ी झील राजा भोज द्वारा निर्मित करवाई गई थी जिसका कुल जल ग्रहण क्षेत्र ३६१ वर्ग कि. मी. है। छोटी झील का निर्माण राजा भोज ने करवाया।
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'''भोपााल का तालाब'''
भोपाल की पहचान भोपाल के [[बड़ा तालाब, भोपाल|बड़े तालाब]] से है। कहा जाता है- "तालों में ताल भोपाल ताल बाकी सब तलैया"
== पर्यटन ==
[[चित्र:Lakshmi Narayan Temple 01.jpg|thumb|right|300px|लक्ष्मीनारायण मंदिर]]
यहां का छोटा तालाब, [[बड़ा तालाब, भोपाल|बड़ा तालाब]], [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीम बैठका]], [[वन्य अभयारण्य|अभयारण्य]], शहीद भवन तथा [[भारत भवन]] देखने योग्य हैं। भोपाल के पास स्थित [[साँची का स्तूप|सांची]] का [[स्तूप]] भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है, जोकि [[यूनेस्को विश्व धरोहर|यूनेस्को]] द्वारा संरक्षित है। भोपाल से लगभग २८ किलोमीटर दूर स्थित [[भोजेश्वर मन्दिर|भोजपुर मन्दिर]] एक एतिहासिक दर्शनिय स्थल है। भेल स्थित श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा एक प्रसिद्ध आस्था का केंद्र है।
[[File:MP Tourism Bhopal Tourist Van.jpg|thumb|left|300px|मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की भोपाल दर्शन गाड़ी]]
: भोपाल के अरेरा पहाड़ी पर पाँच दशक पूर्व स्थापित बिड़ला मंदिर वर्षों से धार्मिक आस्था का केन्द्र रहा है। मंदिर में स्थापित भगवान श्रीहरि विष्णु एवं लक्ष्मीजी की मनोहारी प्रतिमाएँ बरबस ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकृष्ट कर रही हैं। करीब 7-8 एकड़ पहाड़ी क्षेत्र में फैले इस मंदिर की ख्याति देश व प्रदेश के विभिन्न शहरों में फैली हुई है।
: जानकारों के अनुसार इस मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1960 में [[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]] के तत्कालीन मुख्यमंत्री
:मंदिर के अंदर विष्णुजी व लक्ष्मीजी की प्रतिमाओं के अलावा एक ओर शिव तथा दूसरी ओर माँ जगदम्बा की प्रतिमा विराजमान हैं। मंदिर परिसर में हनुमानजी एवं शिवलिंग स्थापित हैं। वहीं मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बना विशाल शंख भी दर्शनीय है। मंदिर की स्थापना के समय पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश नाथ ने बिड़ला परिवार को शहर में उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन देने के साथ ही यह शर्त भी रखी थी कि वह इस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में एक भव्य तथा विशाल मंदिर का निर्माण करवाएँ। मंदिर के उद्घाटन के समय यहाँ विशाल विष्णु महायज्ञ भी आयोजित किया गया था, जिसमें अनेक विद्वानों व धर्म शास्त्रियों ने भाग लिया था। आज भी यह मंदिर जन आस्था का मुख्य केन्द्र बिन्दु है। जन्माष्टमी पर यहाँ श्रीकृष्ण जन्म का मुख्य आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर विष्णु की आराधना करते है।
=== '''श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा
[[चित्र:Ram Darbar .jpg|अंगूठाकार|श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा भेल ]]
इस मंदिर में मुख्य मंदिर में विराजे श्रीराम चतुष्ट्य की स्थापना 4 अप्रैल 1971 को हुई थी. यहाँ की सभी मूर्तिया बहुत सुन्दर और अलौकिक है. इस मंदिर का दिव्य वातावरण सबका मन मोह लेता है. करीब 3 एकड़ में फैले इस मंदिर में मनोहारी उपवन है जिसमें अनेक प्रकार के फूल खिलते है। मंदिर में श्रीराम के अलावा दुर्गा जी, योगेश्वर कृष्ण, रामभक्त हनुमान, शंकर जी, शिव जी व् गुरुदेव दत्तात्रेय भी विराजे है. मंदिर परिसर में बच्चों के लिए अनेक झूले भी लगे है. घास के बड़े मैदानों में बच्चे किलकारी मारते खेला करते है. सुबह व् शाम सुन्दर कर्णप्रिय भजन भक्तों का मन मोह लेते है. मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था है. श्रीराम नवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हनुमान जयंती, शिवरात्रि, दत्तात्रेय जयंती समेत अनेक पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाये जाते है. विशेष पर्वो पर भोपाल के सभी मंदिरों की तुलना में सबसे ज्यादा श्रद्धालु इसी मंदिर में एकत्र होते है. श्रीराम नवमी पर तो पूरे दिन मंदिर में पैर रखने तक की जगह नहीं होती।
: यह प्राचीन शहर दक्षिण पूर्व भोपाल से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। यह शहर भगवान शिव को समर्पित [[भोजेश्वर मन्दिर|भोजेश्वर मंदिर]] के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को पूर्व का [[सोमनाथ मन्दिर|सोमनाथ]] भी कहा जाता है। भोपाल से 28 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर की स्थापना गुर्जर
: इस मस्जिद को कदसिया बेगम की बेटी [[सिकंदर जहां बेगम]] ने 1860 ई. में बनवाया था।▼
▲: इस मस्जिद को
=== [[ताज-उल-मस्जिद, भोपाल|ताज-उल-मसाजिद, भोपाल]] ===
[[चित्र:2100914-Tal ul Masjid Bhopal.jpeg|200px|thumb|right|ताज-उल-मस्जिद, भोपाल]]
: यह मस्जिद [[भारत]] की सबसे विशाल मस्जिदों में एक है। इस मस्जिद का निर्माण कार्य भोपाल
: [[शौकत महल, भोपाल|शौक़त महल]] शहर के बीचोंबीच चौक एरिया के प्रवेश द्वार पर स्थित है।
[[चित्र:Bhopal architecture1.JPG|right|thumb|300px|गौहर महल]]
: झील के किनारे बना यह महल शौकत महल के पीछे स्थित है।
:
: यह भवन भारत के सबसे अनूठे राष्ट्रीय संस्थानों में एक है। 1982 में स्थापित इस भवन में अनेक रचनात्मक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
यह अनोखा संग्रहालय श्यामला की पहाडियों पर 200
: दक्षिण भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीमबेटका की गुफाएं]] प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं। यह
▲; [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीमबेटका गुफाएं]]
:[[शौर्य स्मारक]] शहर के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री [[नरेन्द्र मोदी|नरेंद्र मोदी]] के द्वारा 14 अगस्त 2016 को किया गया। स्मारक 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसे पार्क के रूप में विकसित किया गया है और पाकिस्तान व चीन से हुए युद्धों से संबंधित प्रदर्शनियां भी
▲: दक्षिण भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित भीमबेटका की गुफाएं प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं। यह गुफाएं चारों तरफ से विन्ध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंध नवपाषाण काल से है। इन गुफाओं के अंदर बने चित्र गुफाओं में रहने वाले प्रागैतिहासिक काल के जीवन का विवरण प्रस्तुत करते हैं। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार वर्ष पूर्व की मानी जाती है।
▲;[[शौर्य स्मारक]]
:बोट क्लब
▲:शौर्य स्मारक शहर के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 14 अगस्त 2016 को किया गया। स्मारक 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसे पार्क के रूप में विकसित किया गया है और पाकिस्तान व चीन से हुए युद्धों से संबंधित प्रदर्शनियां भी है।
▲:बोट क्लब-
▲:बोट क्लब भोपाल तालाब श्यामला हिल्स में है जन्हा आप बोटिंग का आनंद ले सकत हैं । बोट क्लब में शामिल हैं स्टीमर बोट और बहुत कुछ।
==भोपाल की वनस्पतियां==
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== आवागमन ==
;वायु मार्ग
भोपाल का [[राजा भोज विमानक्षेत्र|राजा भोज हवाई अड्डा]] शहर से १२ कि॰मी॰ की दूरी पर है। दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चेन्नई, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, रायपुर से यहां के लिए एयर इंडिया एवम अन्य निजी एयरलाइन्स कंपनियों की नियमित उडान सेवाएँ हैं।
;रेल मार्ग
[[भोपाल जंक्शन रेलवे स्टेशन|भोपाल का रेलवे स्थानक]] देश के विविध रेलवे स्थानकों से जुडा हुआ है। यह रेलवे स्थानक भारतीय रेल के दिल्ली-चैन्नई मुख्य मार्ग पर पड़ता है। [[शताब्दी एक्स्प्रेस|शताब्दी एक्सप्रेस]] भोपाल को दिल्ली से सीधा जोडती है। साथ ही यह शहर
;सडक मार्ग
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[[File:Kushabhau Thakre ISBT Bhopal (1).jpg|thumb|300px|कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस अड्डा]]
[[File:Kushabhau Thakre ISBT Bhopal (2).jpg|thumb|300px|कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस अड्डा (सम्पूर्ण दृश्य)]]
[[साँची का स्तूप|सांची]], [[इन्दौर|इंदौर]], [[उज्जैन]], [[खजुराहो]], [[पचमढ़ी|पंचमढी]], [[जबलपुर]] आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुंचा जा सकता है। [[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]] और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।
==चित्र दीर्घा ==
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== जनसंख्या ==
भोपाल शहर की कुल जनसंख्या ([[भारत की जनगणना २०११|२०११ की जनगणना]] के अनुसार) कुल १७,९५,६४८ है। भोपाल जिले की कुल जनसंख्या २३,६८,१४५ है। जिसमे करीब ५६% हिन्दू, ४०% मुस्लिम हैं। पुरुषों की संख्या १२,३९,३७८ तथा महिलाओं की संख्या ११,२८,७६७ है। कुल साक्षरता ८२.२६% है (पुरुष: ८७.४४%, महिला: ७६.५७%)।
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