गुमनाम सदस्य
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:'''श्री गुरु बल्लभ तत्त्व सुनायो लीला भेद बतायो।'''
सूरदास की आयु "[[सूरसारावली]]' के अनुसार उस समय 67 वर्ष थी। '[[चौरासी वैष्णवन की वार्ता]]' के आधार पर उनका जन्म रुनकता अथवा रेणु का क्षेत्र (वर्तमान जिला आगरान्तर्गत) में हुआ था। [[मथुरा]] और आगरा के बीच गऊघाट पर ये निवास करते थे। बल्लभाचार्य से इनकी भेंट वहीं पर हुई थी। "भावप्रकाश' में सूर का जन्म स्थान सीही नामक ग्राम बताया गया है। वे सारस्वत ब्राह्मण थे और जन्म के अंधे थे। "[[आइन-ए-अकबरी|आइने अकबरी]]' में (संवत् 1653 ईस्वी) तथा "मुतखबुत-तवारीख
=== क्या सूरदास जन्मांध थे ? ===
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