"नीलकण्ठ महादेव मंदिर": अवतरणों में अंतर
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[[गढ़वाल]], [[उत्तराखण्ड|उत्तरांचल]] में [[हिमालय]] पर्वतों के तल में बसा [[ऋषिकेश]] में [[शिव|नीलकंठ महादेव]] मंदिर प्रमुख [[ऋषिकेश पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान [[शिव]] ने इसी स्थान पर [[समुद्र मन्थन|समुद्र मंथन]] से निकला विष ग्रहण किया गया था। उसी समय उनकी पत्नी, [[पार्वती देवी|पार्वती]] ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा। विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था। गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। अत्यन्त प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहाँ भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्नान करते हैं।
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