"सत्येन्द्रनाथ बोस": अवतरणों में अंतर

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==मातृभाषा में विज्ञानचर्चा==
उनकेबांग्ला नेतृत्वभाषा में विज्ञानचर्चा कलकताके क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान है। १९४८ ई में उनके नेतृत्व में [[कलकता]] में [[बंहीयबंगीय बिज्ञान परिषद]] गठित हुई थी। इस परिषद का मुखपत्र 'ज्ञान ओ विज्ञान' (ज्ञान और विज्ञान) नामक पत्रिका थी । १९६३ ई में में इस पत्रिका में "राजशेखर-बसु संख्या" नामक एकमात्र मूलभूत अनुसन्धान विषयक लेख प्रकाशित करके उन्होने दिखा दिया कि बांग्ला भाषायभाषा में बिज्ञान के मूल लेख लिखना सम्भव है।
 
: '' जो यह कहये हैं कि बांग्ला में विज्ञानचर्चा सम्भव नहीं है, वे या तो बांग्ला नहीं जानते या विज्ञान नहीं समझते।