"ज्योतिराव गोविंदराव फुले": अवतरणों में अंतर
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महात्मा '''जोतिराव गोविंदराव फुले''' ([[११|11]] अप्रैल [[१८२७|1827]] - [[२८|28]] नवम्बर [[१८९०|1890]]) एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें '''महात्मा फुले''' एवं ''''जोतिबा फुले'' के नाम से भी जाना जाता है। सितम्बर [[१८७३|1873]] में इन्होने [[महाराष्ट्र]] में [[सत्य शोधक समाज]] नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व [[दलित|दलितों]] के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को [[शिक्षा]] प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित [[जाति]] पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।<ref>{{Cite web|url=https://hindi.webdunia.com/inspiring-personality/mahatma-jyotiba-fule-115041000059_1.html|title=महात्मा ज्योतिबा फुले|last=|first=|date=|website=Hindi webdunia|archive-url=https://web.archive.org/web/20190731100945/http://hindi.webdunia.com/inspiring-personality/mahatma-jyotiba-fule-115041000059_1.html|archive-date=31 जुलाई 2019|dead-url=|access-date=|url-status=dead}}</ref>
इनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, [[बाल विवाह]] का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। फुले समाज की कुप्रथा,
== आरम्भिक जीवन ==
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