"मुद्रास्फीति": अवतरणों में अंतर

→‎कारण: व्याकरण में सुधार
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
→‎मुद्रा स्फीति के प्रभाव: व्याकरण में सुधार
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 30:
 
;1. निवेशकर्ता पर प्रभाव
निवेशकर्ता दो प्रकार के होते है। पहले प्रकार के निवेशकर्ता वे होते है जो सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते है। सरकारी प्रतिभूतियों से निश्चित आय प्राप्त होती है तथा दूसरे निवेशकर्ता वे होते है जो संयुक्त पूंजीपूँजी कम्पनियों के हिस्से खरीदते है। इनकी आय मुद्रास्फीति के होने पर बढ़ती है। मुद्रास्फीति से निवेशकर्ता के पहले वर्ग को नुकसान तथा दूसरे वर्ग को फायदा होगा।
 
;2. निश्चित आय के वर्ग पर प्रभाव
पंक्ति 39:
 
;4. ऋणी और ऋणदाता पर प्रभाव
मुद्रास्फीति का ऋणदाता पर प्रतिकूल तथा ऋणी पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। क्योंकि जब ऋणदाता अपने रुपये किसी को उधार देता है तो मुद्रास्फीति होने के कारण उसके रुपये का मूल्य कम हो जायेगा।जाएगा। इस प्रकार ऋणदाता को मुद्रास्फीति से हानि तथा ऋणी को लाभ होता है।
 
;5. बचत पर प्रभाव
मुद्रास्फीति का बचत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि मुद्रास्फीति होने के कारण वस्तुओं पर कियेकिए जाने वाले व्यय में वृद्धि होती है। इससे बचत की सम्भावना कम हो जायेगी।जाएगी। दूसरी और मुद्रास्फीति से मुद्रा के मूल्य में कमी होगी और लोग बचत करना ही नहीं चाहेगें।
 
;6. भुगतान संतुलन पर प्रभाव
मुद्रास्फीति के समय वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यों में वृद्धि होती है। इसके कारण हमारे निर्यात मँहगेमहँगे हो जायेगेंजाएँगे तथा आयात सस्ते हो जायेगें।जाएँगे। नियार्तों में कमी होगी तथा आयतों में वृद्धि होगी जिसके कारण भुगतान सन्तुलन प्रतिकूल हो जायेगा।जाएगा।
 
;7. सार्वजनिक ऋणों पर प्रभाव
पंक्ति 51:
 
;8. करों पर प्रभाव
मुद्रास्फीति के कारण सरकार के सार्वजनिक व्यय में बहुत वृद्धि होती है। सरकार अपने व्यय की पूर्ति के लिए नयेनए-नयेनए कर लगाती है तथा पुराने करों में वृद्धि करती है। इस प्रकार मुद्रास्फीति के कारण करों के भार में वृद्धि होती हे।
 
;9. नैतिक प्र्रभाव
मुद्रास्फीति के कारण व्यापारी वर्ग लालच में अंधाअँधा हो जाता है और जमाखोरी, मुनाफाखोरी तथा मिलावट आदि का प्रयोग उत्पादन को बेचने में करते है। सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते है तथा व्यक्तियों में नैतिक मूल्यों का पतन होता है।
 
;10. उत्पादकों पर प्रभाव