"मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा": अवतरणों में अंतर

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{{जानकारी
|name = '''संयुक्त राष्ट्र संघ'''<br />मानव अधिकारोंमानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा<br />
|image=Flag of the United Nations.svg
|caption=संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज
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इस घोषणा से राष्ट्रों को प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और वे इन अधिकारों को अपने संविधान या अधिनियमों के द्वारा मान्यता देने और क्रियान्वित करने के लिए अग्रसर हुए। राज्यों ने उन्हें अपनी विधि में प्रवर्तनीय अधिकार का दर्जा दिया।
 
10 दिसम्बर 1948 को [[संयुक्त राष्ट्र|संयुक्त राष्ट्र संघ]] की [[संयुक्त राष्ट्र महासभा|समान्य सभा]] ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत और घोषित किया। इसका पूर्ण पाठ आगे के पृष्ठों में दिया गया है। इस ऐतिहासिक कार्य के बाद ही सभा ने सभी सदस्य देशों से पुनरावेदन किया कि वे इस घोषणा का प्रचार करें और देशों अथवा प्रदेशों की राजनैतिक स्थिति पर आधारित भेदभाव का विचार किएकिये बिना, विशेषतः विद्यालयों और अन्य शिक्षा संस्थाओं में, इसके प्रचार, प्रदर्शन, पठन और व्याख्या का प्रबंधप्रबन्ध करें।
 
इसी घोषणा का सरकारी पाठ संयुक्त राष्ट्रों की इन पाँच भाषाओं में प्राप्य है: [[अंग्रेजी भाषा|अंग्रेजी]], [[चीनी]], [[फ़्रान्सीसी भाषा|फ़्रांसीसी]], [[रूसी भाषा|रूसी]] और [[स्पेनी भाषा|स्पेनी]]। अनुवाद का जो पाठ यहाँ दिया गया है, वह [[भारत]] सरकार द्वारा स्वीकृत है।