"सहस्रबाहु मंदिर": अवतरणों में अंतर

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'''सहस्रबाहु मंदिर''' (अपभ्रंश नाम - सास बहू मंदिर) [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[ग्वालियर]] क्षेत्र में स्थित एक 11वीं शताब्दी में निर्मित [[हिन्दू]] [[मन्दिर|मंदिर]] है। यह [[विष्णु]] के पद्मनाभ रूप को समर्पित है और [[ग्वालियर का क़िला|ग्वालियर के किले]] के समीप स्थित है। यहाँ मिले शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण [[कच्छपघात राजवंश]] के राजा महिपाल ने सन् 1093 में किया था। बाद में हुई हिन्दू-मुस्लिम झड़पों में मंदिर को क्षति पहुँची और अब इसके खंडहर हैं। यह मंदिर स्थापत्यकला का बहुत सुन्दर नमूना है । इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों को बड़ी सुंदरता से उकेरा गया है ।मध्यकाल में मुस्लिम आक्रमण और रखरखाव के अभाव में इसकी देखरेख को बड़ी क्षति पहुंची है । इस मंदिर की छत के कई स्तम्भ पत्थर टूट चुके हैं । अन्य पत्थर लगाकर उनको यथास्थान रोका गया है । यह मंदिर अब कोई भी मुख्य मूर्ति विहीन है । इसमें कोई पूजा पाठ भी नहीं होता । इस मंदिर को सास बहू मंदिर इसलिए भी कहा जाता है कि समान आकृति के पास पास ये दो मंदिर हैं । एक बड़ा और एक छोटा । अगर ध्यान से देखो तो जैसे सास बहू दोनों एक साथ खड़ी हों उसी प्रकार ये मंदिर पास पास एक साथ खड़े हैं। स्थानीय जनता द्वारा एक को सास और एक मंदिर को बहू कहा गया। <ref name="Allen1991p211">{{cite book|author=Margaret Prosser Allen|title=Ornament in Indian Architecture|url=https://books.google.com/books?id=vyXxEX5PQH8C |year=1991|publisher=University of Delaware Press|isbn=978-0-87413-399-8|pages=211–212}}</ref><ref name="Kramrisch1946p139">{{cite book|author=Stella Kramrisch|title=The Hindu Temple|url=https://books.google.com/books?id=NNcXrBlI9S0C&pg=PA139|year=1946|publisher=Motilal Banarsidass|isbn=978-81-208-0223-0|pages=139 with footnote 29|access-date=21 जुलाई 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190809073257/https://books.google.com/books?id=NNcXrBlI9S0C|archive-date=9 अगस्त 2019|url-status=live}}</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==