"विनीता सोरेन": अवतरणों में अंतर

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'''बिनीताविनीता सोरेन''' दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर [[एवरेस्ट पर्वत|एवरेस्ट]] फतह करने वाली पहली आदिवासी युवती है।<ref>[http://viewpointjharkhand.com/?p=9240 व्यू पॉइंट झारखण्ड,260मई 2012, शीर्षक:आदिवासी महिला ने माउन्ट एवरेस्ट फतह किया]</ref>
 
बिनीता [[झारखण्ड]] के [[सरायकेला खरसांवां]] जिले के [[राजनगर, सरायकेला|राजनगर]] प्रखंड के पहाड़पुर गांव की मूल निवासी हैं। इको एवरेस्ट स्प्रिंग 2012 अभियान के तहत विनीता अपने दो साथियों क्रमश: मेघलाल और राजेंद्र :के साथ 20 मार्च 2012 को जमशेदपुर से अभियान की शुरुआत की। 26 मई 2012 को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर बिनीता और मेघलाल महतो ने [[एवरेस्ट पर्वत|एवरेस्ट]] के शिखर पर [[भारतीय]] पताका फहराई, राजेंद्र करीब दो घंटे पहले वहां पहुंच चुके थे। अभियान की खासियत यह कि [[एवरेस्ट पर्वत|एवरेस्ट]] पर चढ़ने के लिए दो रास्ते हैं, इस टीम ने शिखर पर चढ़ने के लिए कठिन रास्ता लुकला का चयन किया।<ref>{{Cite web |url=http://www.jagran.com/news/national-first-aboriginal-woman-to-conquer-everest-9299915.html |title=जागरण,26 मई 2012, शीर्षक:विनीता एवरेस्ट चढ़ने वाली पहली आदिवासी युवती |access-date=21 फ़रवरी 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140618104156/http://www.jagran.com/news/national-first-aboriginal-woman-to-conquer-everest-9299915.html |archive-date=18 जून 2014 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.liveaaryaavart.com/2012/06/blog-post_6984.html |title=आर्यावर्त,13 जून 2012, शीर्षक: झारखंड की बिनीता सोरेन ने एवरेस्ट फतह किया |access-date=21 फ़रवरी 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140227003447/http://www.liveaaryaavart.com/2012/06/blog-post_6984.html |archive-date=27 फ़रवरी 2014 |url-status=dead }}</ref>
 
बिनीताविनीता [[झारखण्ड]] के [[सरायकेला खरसांवां]] जिले के [[राजनगर, सरायकेला|राजनगर]] प्रखंड के पहाड़पुर गांव की मूल निवासी हैं। इको एवरेस्ट स्प्रिंग 2012 अभियान के तहत विनीता अपने दो साथियों क्रमश: मेघलाल और राजेंद्र :के साथ 20 मार्च 2012 को जमशेदपुर से अभियान की शुरुआत की। 26 मई 2012 को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर बिनीताविनीता और मेघलाल महतो ने [[एवरेस्ट पर्वत|एवरेस्ट]] के शिखर पर [[भारतीय]] पताका फहराई, राजेंद्र करीब दो घंटे पहले वहां पहुंच चुके थे। अभियान की खासियत यह कि [[एवरेस्ट पर्वत|एवरेस्ट]] पर चढ़ने के लिए दो रास्ते हैं, इस टीम ने शिखर पर चढ़ने के लिए कठिन रास्ता लुकला का चयन किया।<ref>{{Cite web |url=http://www.jagran.com/news/national-first-aboriginal-woman-to-conquer-everest-9299915.html |title=जागरण,26 मई 2012, शीर्षक:विनीता एवरेस्ट चढ़ने वाली पहली आदिवासी युवती |access-date=21 फ़रवरी 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140618104156/http://www.jagran.com/news/national-first-aboriginal-woman-to-conquer-everest-9299915.html |archive-date=18 जून 2014 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.liveaaryaavart.com/2012/06/blog-post_6984.html |title=आर्यावर्त,13 जून 2012, शीर्षक: झारखंड की बिनीताविनीता सोरेन ने एवरेस्ट फतह किया |access-date=21 फ़रवरी 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140227003447/http://www.liveaaryaavart.com/2012/06/blog-post_6984.html |archive-date=27 फ़रवरी 2014 |url-status=dead }}</ref>
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