"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
Rescuing 5 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.8
पंक्ति 84:
* एक '''त्रुटि''' = 3 ''तॄसरेणु'', या सैकिण्ड का 1/1687.5 भाग
* एक '''वेध''' =100 ''त्रुटि''.
* एक '''लावा''' = 3 ''वेध''.<ref name="vedabase"> [http://vedabase.net/sb/3/11/6/en1] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20081006073633/http://vedabase.net/sb/3/11/6/en1 |date=6 अक्तूबर 2008 }} </ref>
* एक '''निमेष''' = 3 ''लावा'', या पलक झपकना
* एक '''क्षण''' = 3 ''निमेष''.
* एक '''काष्ठा''' = 5 ''क्षण'', = 8 सैकिण्ड
* एक '''लघु''' =15 ''काष्ठा'', = 2 मिनट.<ref>[{{Cite web |url=http://vedabase.net/sb/3/11/7/en1] |title=संग्रहीत प्रति |access-date=28 जून 2008 |archive-date=10 अक्तूबर 2008 |archive-url=https://web.archive.org/web/20081010113302/http://vedabase.net/sb/3/11/7/en1 |url-status=dead }}</ref>
* 15 '''लघु''' = एक ''नाड़ी'', जिसे ''दण्ड'' भी कहते हैं। इसका मान उस समय के बराबर होता है, जिसमें कि छः पल भार के (चौदह आउन्स) के ताम्र पात्र से जल पूर्ण रूप से निकल जाये, जबकि उस पात्र में चार मासे की चार अंगुल लम्बी सूईं से छिद्र किया गया हो। ऐसा पात्र समय आकलन हेतु बनाया जाता है।
* 2 '''दण्ड''' = एक ''[[मुहूर्त]]''.
* 6 या 7 '''मुहूर्त''' = एक ''याम'', या एक चौथाई दिन या रत्रि.<ref name="vedabase"/>
* 4 '''याम या प्रहर''' = एक दिन या रात्रि। <ref name=""> http://vedabase.net/sb/3/11/10/en1 {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20100721112026/http://vedabase.net/sb/3/11/10/en1 |date=21 जुलाई 2010 }}] </ref>
 
=== चाँद्र मापन ===
पंक्ति 107:
* एक ''अयन'' = 3 '''ॠतुएं'''
 
* एक ''[[वर्ष]]'' = 2 '''अयन'''का होता है | [http://vedabase.net/sb/3/11/11/en1] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20070312213135/http://vedabase.net/sb/3/11/11/en1 |date=12 मार्च 2007 }}
 
वेदांग ज्योतिष के आधार पर पंचवर्षात्मक युग माना जाता है | प्रत्येक ६० वर्ष में १२ युग व्यतीत हो जाते हैं। १२ युगों के नाम आगे बताया जा चुके हैं।
पंक्ति 162:
<tr><td> 2 चरण (864,000 सौर वर्ष)</td><td>[[द्वापर युग]] </td></tr>
<tr><td> 1 चरण (432,000 सौर वर्ष)</td><td>[[कलियुग|कलि युग]] </td></tr>
</table> [http://vedabase.net/sb/3/11/19/en1] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20150625020741/http://vedabase.net/sb/3/11/19/en1 |date=25 जून 2015 }}
 
यह चक्र ऐसे दोहराता रहता है, कि ब्रह्मा के एक दिवस में 1000 महायुग हो जाते हैं